Bihar Cabinet Expansion: दिलीप जायसवाल ने क्यों छोड़ा मंत्री पद? जानिए अंदर की बात
Bihar Cabinet Expansion: बिहार में कैबिनेट विस्तार से पहले नीतीश सरकार में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बताया जा रहा है कि उन्होंने यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया है.
By Prashant Tiwari | February 26, 2025 3:21 PM
Bihar Cabinet Expansion: बिहार में कैबिनेट विस्तार से पहले नीतीश सरकार में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री और बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया. जबकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद पार्टी के अध्यक्ष होने के बावजूद मोदी सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हैं. हालांकि जायसवाल ने इस्तीफा क्यों दिया इसकी वजह भी उन्होंने खुद बताई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा भेजने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी की ‘एक व्यक्ति, एक पद की नीति’ का पालन करते हुए ये निर्णय लिया है. क्योंकि सैद्धांतिक रूप से दोनों पदों पर रहना ठीक नहीं था.
बीजेपी ने अध्यक्ष पद रखा बरकरार
दिलीप जायसवाल के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी ने उनका बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखा है. बता दें कि जायसवाल से पहले बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष थे. लेकिन 2024 में बिहार में एनडीए की सरकार के बनने और सम्राट के उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी ने उनसे अध्यक्ष का पद ले लिया और दिलीप जायसवाल को अध्यक्ष बनाया. लेकिन अब जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
बिहार में बनाए जा सकते हैं अधिकतम 36 मंत्री
बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा है. जिससे अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. फिलहाल नीतीश कुमार सरकार में 30 मंत्री हैं. कैबिनेट विस्तार में छह नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं.
दिलीप जायसवाल ने क्यों छोड़ा मंत्री पद जानिए अंदर की बात
दिलीप जायसवाल के इस्तीफे देने की सबसे बड़ी वजह बिहार विधानसभा चुनाव को बताया जा रहा है. पार्टी साल के आखिरी में होने वाले चुनाव में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चाहती है. और न ही पार्टी के पास अब इतना वक्त है कि वह चुनाव से ठीक पहले पार्टी संगठन में बदलाव करें. ऐसे में जायसवाल के इस्तीफे के बाद अब जायसवाल पूरी तरह से संगठन के लिए काम कर सकेंगे और दौरे से लेकर टिकट वितरण तक में वह ठीक से काम कर सकेंगे.