प्रायोगिक परियोजना के तौर पर इसे 18 सितंबर, 2020 से तीन ट्रेनों हावड़ा-यशवंतपुर दुरंतो स्पेशल, हावड़ा- अहमदाबाद स्पेशल और हावड़ा-मुंबई स्पेशल में शुरू किया गया है. दक्षिण पूर्व रेलवे के आइजी एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त डीबी कसर ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.
डीबी कसर ने कहा, ‘ महिला उप-निरीक्षकों की टीमें यात्रा की शुरुआत वाले स्टेशन पर ट्रेन में महिला यात्रियों के साथ बातचीत करती हैं, उन्हें एहतियात से जुड़ी जानकारी देती हैं और उन्हें आपात संपर्क नंबर भी दिये जाते हैं.’
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प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि उप-निरीक्षक दल महिला यात्रियों की सीट संख्या और संपर्क नंबर लेते हैं और यात्रा के दौरान उनसे संपर्क में बने रहते हैं. इतना ही नहीं, जो भी सूचना वे यात्रियों से लेते हैं, उसे उस स्टेशन पर भी पहुंचा देते हैं, जहां ट्रेन का अगला स्टॉपेज है और जिस जगह यात्री को उतरना है.
दक्षिण पूर्व रेलवे के आइजी एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त डीबी कसर कहते हैं कि इसका उद्देश्य महिलाओं को यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित महसूस करवाना है. उन्हें ऐसा वातावरण उपलब्ध कराना है, ताकि वह खुद को परेशान महसूस न करें. उन्हें अच्छा माहौल मिले.
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प्रवक्ता इन निरीक्षकों को जब भी लगेगा कि महिला यात्रियों को सुरक्षा की जरूरत है, उनकी मदद के लिए वे पहुंच जायेंगे. दक्षिण पूर्व रेलवे ने इस अभियान की शुरुआत ‘निर्भया फंड’ से की है. इसलिए रेलवे को अपनी तरफ से इस अभियान पर एक भी पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
Posted By : Mithilesh Jha