समझा जाता है कि अहमदाबाद के निकट आयोजित होने वाली इस बैठक में आरएसएस के वर्ष 2025 में शताब्दी वर्ष पूरा होने से पहले संगठन के विस्तार का खाका तैयार किया जाएगा. बैठक के पहले दिन सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि इस बैठक के मुख्य विषयों में से एक विषय संगठन विस्तार है. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से कोविड संकट के बावजूद संघ कार्य 2020 की तुलना में 98.6 फीसदी दोबारा शुरू हो चुके हैं. साप्ताहिक मिलन कार्यक्रमों की संख्या भी बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि दैनिक शाखाओं में 61 फीसदी शाखाएं छात्रों और 39 फीसदी व्यवसायी शाखाएं हैं. वैद्य ने कहा कि संघ की दृष्टि से देशभर में 6506 खंड हैं, जिनमें से 84 फीसदी में शाखाएं हैं. इसके अलावा 59,000 मंडलों में से करीब 41 फीसदी मंडलों में संघ के प्रत्यक्ष शाखा के कार्य चल रहे है. उन्होंने कहा कि 2303 नगरीय क्षेत्रों में से 94 फीसदी में शाखा के कार्य चल रहे हैं और आने वाले दो साल में सभी मंडलों में संघ की शाखा बनाने प्रयास किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 2017 से 2021 तक संघ की वेबसाइट में ‘ज्वाइन आरएसएस’ के माध्यम से प्रतिवर्ष 20 से 35 आयु वर्ग के लगभग एक लाख से 1.25 लाख युवाओं ने संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की. वैद्य ने कहा कि 5 अप्रैल से जुलाई के तक 104 स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग संचालित होंगे, जिनमें प्रति वर्ग औसतन संख्या 300 की रहेगी.
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उन्होंने कहा कि कोरोना-काल में संघ के स्वयंसेवकों ने समाज के साथ मिलकर सक्रियता के साथ सेवा कार्य किए. उन्होंने कहा कि इसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों सहित मठ, मंदिर, गुरुद्वारों से बहुत बड़ा वर्ग सेवा कार्य में शामिल हुआ जो एक जागरूक राष्ट्र के लक्षण हैं. वैद्य ने कहा कि तीन दिनों की इस बैठक के दौरान आरएसएस के विस्तार को लेकर एक विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा.