UNIQUE DISABILITY ID : झारखंड के 80 प्रतिशत दिव्यांग जनों के पास पहचान पत्र नहीं

UNIQUE DISABILITY ID : यूनिक डिसेबिलिटी आइडी पोर्टल के आंकड़े. बैसाखी के सहारे चल रहा दिव्यांगता प्रमाणन का कार्य, 947075 है राज्य में दिव्यांगों की अनुमानित जनसंख्या, 193876 जनरेट हैं यूडीआइडी कार्ड, 26617 आवेदन लंबित हैं राज्यभर में.

By MAYANK TIWARI | May 29, 2025 1:42 AM
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मयंक तिवारी,

धनबाद:

इसे जागरूकता की कमी कहें या विभागीय लापरवाही, झारखंड के करीब 80 फीसदी दिव्यांग व्यक्तियों के पास अभी तक दिव्यांगता प्रमाण पत्र यानी यूनिक डिसेबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) कार्ड नहीं है. इसके चलते ये दिव्यांगजन राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाले फायदों से वंचित हैं. यूनिक डिसेबिलिटी आइडी पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 20.47 प्रतिशत दिव्यांगजन को ही यह कार्ड मिला है. पूरे राज्य में 26617 आवेदन लंबित हैं. आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कार्ड बनाने में औसतन 131 दिन लग जाते हैं. बताते चलें कि जिलों में महीने में दो बार इसके लिए शिविर लगते हैं. बावजूद पिछले तीन महीनों में राज्य में केवल 4321 यूडीआइडी कार्ड ही जनरेट किये गये हैं. एक साल में 19712 कार्ड जनरेट हुए हैं.

दिव्यांगजनों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना हेमंत सोरेन सरकार की प्राथमिकता

राज्य में दिव्यांगजनों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना और उन्हें आगे बढ़ाना हेमंत सोरेन सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, पर लापरवाही के कारण इस काम में काफी सुस्ती है. हाल ही में स्पेशल चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ने राज्य भर के दिव्यांगजनों के साथ रांची में राज्यस्तरीय संवाद आयोजित किया था. मुख्य अतिथि मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने दिव्यांगजनों के मामले को अपनी प्राथमिकता में बताया. पूर्व में हुई कैबिनेट की बैठक में भी उन्होंने मामले को उठाया था और उनकी पेंशन 2500 रुपये करने की बात रखी थी. जिन दिव्यांग व्यक्तियों को आवेदन के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं, उनके मन में सवाल है कि जब सरकारी दस्तावेजों में जगह ही नहीं मिल रही है, तो उन तक लाभ कैसे पहुंचेगा.

यूडीआइडी बनाने में पाकुड़ निचले पायदान पर

दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में सबसे खराब हालत पाकुड़ का है. यहां कार्ड जारी होने में सबसे अधिक औसतन 341 दिन लग जाते हैं. पिछले तीन माह में यहां सिर्फ 91 कार्ड ही बने हैं. यही कारण है कि यहां 1223 आवेदन पेंडिंग हैं.

खूंटी जिले में तीन माह में केवल एक कार्ड बना, 83 पेंडिंग

सबसे अच्छी स्थिति पूर्वी सिंहभूम की

सबसे अधिक गिरिडीह में आवेदन लंबित, साहेबगंज में एक भी नहीं

आवेदन लंबित होने के मामले में रांची दूसरे और गढ़वा तीसरे नंबर पर

जिला-टोटल कार्ड-तीन माह में बने कार्ड-लंबित आवेदन-लगने वाला औसत दिन

चतरा-1887, 85, 642, 177

धनबाद-7069, 124, 600, 155

पू. सिंहभूम-14577, 239, 258, 35

गिरिडीह-10974, 346, 3450, 171

गुमला-10716, 104, 227, 46

जामताड़ा-6669, 434, 3221, 118

कोडरमा-5581, 89, 70, 36

लोहरदगा-5875, 33, 173 115

पलामू-10218, 408, 1950, 180

रांची-15410, 510, 3367, 198

सरायकेला-2504, 49, 184, 81

प. सिंहभूम-7647, 45, 11, 193

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