Home Badi Khabar तेनुघाट के जिस क्वार्टर में कर्नाटक के एडीजी के भास्कर राव का बीता था बचपन, 51 वर्ष बाद उसे देख हुए नतमस्तक

तेनुघाट के जिस क्वार्टर में कर्नाटक के एडीजी के भास्कर राव का बीता था बचपन, 51 वर्ष बाद उसे देख हुए नतमस्तक

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तेनुघाट के जिस क्वार्टर में कर्नाटक के एडीजी के भास्कर राव का बीता था बचपन, 51 वर्ष बाद उसे देख हुए नतमस्तक

Jharkhand News, बोकारो न्यूज (नागेश्वर) : झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड के निकट‌ तेनुघाट का कर्नाटक‌ के एडीजी (रेल) ‌के भास्कर राव ने शनिवार को दौरा किया. इस दौरान उन्होंने उस क्वार्टर को भी देखा, जहां उनका बचपन बीता था. 51 वर्ष बाद उसे देखते ही वह नतमस्तक हो गये. उन्होंने कहा कि झारखंड में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है, लेकिन अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां विकास कम हुआ है. राज्य का विकास नहीं होना लीडरशिप की कमी को दर्शाता है.

कर्नाटक‌ के एडीजी (रेल) ‌के भास्कर राव के के पिता तेनुघाट सिंचाई विभाग में कार्यपालक अभियंता थे. श्री राव का बचपन यहीं गुजरा था. अपनी यादों को ताजा करने के लिए 51 साल बाद वह उस क्वार्टर में गए और नतमस्तक हो गये. उन्होंने कहा कि 1967 से लेकर 71 तक उनके पिता ने सिंचाई विभाग में कार्यपालक अभियंता (तकनीक) के रूप में काम किया था. उस समय तेनुघाट डैम का निर्माण हो रहा था. उनका बचपन तेनुघाट में गुजरा है. इसलिए उन्हें बार-बार तेनुघाट की उस जमीन को देखने और अहसास करने की तमन्ना थी. इसी उद्देश्य से वह कर्नाटक से तेनुघाट पहुंचे और अपने बचपन की याद ताज़ा की.

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उन्होंने कहा कि तेनुघाट में ही ज्ञान की शुरुआत की थी. इसके बाद बोकारो थर्मल स्थित कार्मेल स्कूल में प्राथमिक शिक्षा ली. उनके पिता का स्थानांतरण हो जाने के कारण वे यहां से चले गए. उस समय दक्षिण भारत के कई अभियंता यहां कार्यरत थे. मौजूदा समय में वे कर्नाटक में एडीजी (रेल) हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तेनुघाट का स्वरूप बदल गया है. उस समय काफी जंगल हुआ करता था. कोई भी व्यक्ति यहां रहना नहीं चाहता था. वैसे झारखंड में सोना, हीरा, कोयला, पानी, अभ्रक सहित अन्य खनिज संपदा भरपूर मात्रा में हैं, लेकिन जिस प्रकार तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात का विकास हुआ है वैसा विकास झारखंड में नहीं दिखाई पड़ता है.

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झारखंड बिहार के लगभग आठ-दस लाख मज़दूर कर्नाटक में काम करते हैं. उतना काम तो उन्हें झारखंड में मिल सकता था, लेकिन ऐसा नहीं है. श्री राव तेनुघाट पहुंचने से पहले रजरप्पा स्थित छिन्मस्तिका मंदिर भी पहुंचे और पूजा-अर्चना की. इसके बाद गोमिया के पूर्व विधायक और झारखंड के उत्कृष्ट विधायक से सम्मानित माधव लाल सिंह से मिले. उन्होंने कहा कि झारखंड में वैसे तो कई विधायक और मंत्री हैं, लेकिन जिसकी चर्चा दूसरे राज्य में होती है उनमें श्री सिंह की चर्चा सुन रखी थी. इसलिए मिलने चला आया. श्री सिंह ने एडीजे भास्कर राव को शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत कम अधिकारी हुए जो अपने बचपन के दिनों को याद कर पुनः उस जमीन पर आते हैं. मौके पर वरीय‌ पत्रकार अशोक अकेला के अलावा गोमिया के जिप सदस्य प्रकाश लाल सिंह, झारखंड आंदोलनकारी केदारनाथ पंडा, सनत प्रसाद, आकाश लाल सिंह ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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