इटखोरी. प्रखंड का जुग्गुडी गांव आजादी के बाद आज तक विकास से वंचित है. इस गांव में अब तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. बारिश में यह गांव टापू में तब्दील हो जाता है. ग्रामीणों के अनुसार बारिश होने के बाद गांव का संपर्क इटखोरी मुख्यालय के टूट जाता है. पक्की सड़क नहीं होने से ग्रामीणों का गांव में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. इटखोरी-चतरा मुख्य सड़क के पितीज चौरमोड़ से जुग्गुडी गांव की दूरी लगभग तीन किमी है. बारिश में कच्ची सड़क पर चलना दूभर हो जाता है. स्थिति यह है कि बीमार या प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को इटखोरी या अन्य किसी दूसरे स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है. ग्रामीणों के अनुसार वोट के समय सभी नेता गांव में पहुंच विकास का आश्वासन देते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सभी भूल जाते हैं. ग्रामीणों के अनुसार अब तक कितने सांसद व विधायक बने, गांव की स्थिति यथावत है. ग्रामीण बताते हैं कि बरसात आने से पहले ही राशन समेत व तेल मशाले की व्यवस्था करनी पड़ती है. स्कूली बच्चों को प्रतिदिन कीचड़ों से गुजरना पड़ता है.
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