प्रतापपुर. राज्य सरकार एक ओर जहां शिक्षा को सुदृढ़ करने का दावा करती है, वहीं प्रतापपुर प्रखंड में डेढ़ दर्जन से अधिक विद्यालयों की स्थिति जर्जर है. इन विद्यालयों में विद्यार्थी डर के साये में पढ़ाई करने को विवश हैं. इन विद्यालयों में आये दिन छत से प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है. बरसात के दिनों में कई स्कूलों के परिसर में पानी भर जाने से पढ़ाई बाधित हो रही है. टंडवा प्लस टू उच्च विद्यालय व खरैया उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन की स्थिति सबसे अधिक जर्जर है. यह कभी भी धराशायी हो सकता है. भवन के अभाव में बच्चे एस्बेस्टस शेड में बैठकर पढ़ाई करते है. यहां भी बरसात में पानी घुस जा रहा है. इसी तरह यूएमएस जमुआ विद्यालय भवन टूटकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. इस स्कूल के बच्चे अनहोनी की आशंका से पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाई करते हैं. भवन की दीवार, छत, खिड़की की स्थिति जर्जर है. विद्यालय में रखे किताब व अन्य कागजात बर्बाद हो रहे है. इसके अलावा टंडवा, जमुआ, जोगिडीह, मुर्गावाटांड, घोरीघाट, एघारा, केवलिया, खरैया, चरका कला, कोशियारा, उसडी, मैराग, सिजुआ, केवलिया, ससगड़ा समेत अन्य विद्यालय की स्थिति भी जर्जरावस्था में है. मालूम हो कि प्रखंड में कुल 208 विद्यालय हैं. अधिकतर भवनों का निर्माण 2002-05 तक कराया गया था. छात्रों व शिक्षकों ने सुनायी पीड़ा:
संबंधित खबर
और खबरें