मोहनपुर. रिखिया थाना क्षेत्र के आमगाछी गांव में मंगलवार की देर रात उस वक्त अफरातफरी मच गयी, जब बिहार के बांका जिला अंतर्गत आनंदपुर थाना के थानाध्यक्ष बिपिन कुमार दल-बल के साथ एक वारंटी को गिरफ्तार करने पहुंचे. आरोप है कि पुलिसकर्मी सादे वर्दी में थे और बिना किसी सूचना के झारखंड की सीमा में दाखिल होकर वारंटी विष्णु मंडल को गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार वारंटी और उसके परिजनों ने गांव में हल्ला मचाकर ग्रामीणों को जमा कर लिया. भीड़ ने सादी वर्दी में मौजूद बिहार पुलिस को अपराधी समझ लिया और उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट कर दी. इस हमले में बिहार पुलिस के कुछ जवान घायल हो गये. घटना की सूचना मिलने पर रिखिया थाना प्रभारी वीरेंद्र उरांव और मोहनपुर थाना प्रभारी प्रियरंजन कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. दोनों थाना क्षेत्रों की पुलिस ने ग्रामीणों के चंगुल से बिहार पुलिस को सुरक्षित निकाला. इसके बाद बिहार पुलिस पदाधिकारी बिपिन कुमार के आवेदन पर रिखिया थाना में विष्णु मंडल समेत दो दर्जन अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, पिस्टल छीनने का प्रयास करने, गाली-गलौज करने तथा मारपीट कर घायल करने का मामला दर्ज किया गया है. बिपिन कुमार ने बताया कि वारंटी विष्णु मंडल के खिलाफ बांका जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट से गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इसके आलोक में वे सादी वर्दी में पुलिस बल के साथ आमगाछी गांव पहुंचे थे. परंतु वारंटी ने साजिश रचते हुए ग्रामीणों को भड़का दिया और खुद को छुड़ा ले गया. इधर, स्थानीय पुलिस ने स्पष्ट किया है कि बिहार पुलिस द्वारा रिखिया थाना को पूर्व में सूचना नहीं दी गयी थी, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई. फिलहाल पुलिस मामले की गहन छानबीन में जुटी है. पुलिस के अनुसार, विष्णु मंडल बैजनाथपुर स्थित पेट्रोल पंप के मैनेजर थे, कटोरिया की विधायक निक्की हेंब्रम ने आनंदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें विष्णु मंडल अप्राथमिक अभियुक्त बनाये गये हैं. विष्णु पर पेट्रोल पंप के पैसे का हेर-फेर का आरोप है. पुलिस के अनुसंधान के बाद विष्णु मंडल के खिलाफ की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट प्रे किया गया था. कोर्ट से वारंट निर्गत होने के बाद विष्णु की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पहुंची थी.
संबंधित खबर
और खबरें