मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व भारत रत्न अरुणा आसफ अली की जयंती, प्रसिद्ध नाटककार जगदीशचंद्र माथुर की जयंती व प्रसिद्ध रंगकर्मी सुबन्ना की स्मृति दिवस पर उन्हें याद किया गया. मौके पर उपस्थित लोगों ने तीनों विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. वहीं, धनंजय प्रसाद ने कहा कि अरुणा आसफ अली भारत छोड़ो आंदोलन की नायिका, महान स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न व स्वतंत्रता संग्राम की ग्रैंड ओल्ड लेडी थी. जब भारत छोड़ो आंदोलन के सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी थी. वैसे विकट स्थिति में दिलेर महिला नेत्री के रूप में आंदोलन का न सिर्फ कमान संभाली, बल्कि मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में तिरंगा झंडा फहरा कर भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद कर अंग्रेजी हुकूमत को बड़ी चुनौतियां दी थी. असहयोग आंदोलन की वजह से उन्हें 1930- 32 व 41 में जेल की यात्रा करनी पड़ी. उनकी शादी महान स्वतंत्रता सेनानी व वरिष्ठ वकील आसफ अली से हुई थी. जिन्होंने भगत सिंह के पक्ष में पैरवी किया था. अरुणा अली को 1964 में अंतरराष्ट्रीय लेनिन शांति पुरस्कार, 1991 में जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि जगदीशचंद्र माथुर प्रसिद्ध लेखक व नाटककार थे. वो आईसीएस की परीक्षा पास कर ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर जनरल तक बने. उन्होंने सांस्कृतिक जागरण के लिए सूचना, संचार तंत्र विकसित व स्थापित किये.
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