भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी होने पर बड़ा बयान दिया है. सोमवार (11 मार्च) को डॉ दुबे ने कहा कि सीएए को लागू करना अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने से कम महत्वपूर्ण नहीं है.
धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को भारत में शरण देना CAA का उद्देश्य
डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि सीएए का मुख्य उद्देश्य हमारे पड़ोसी देशों में धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को भारत में शरण देना है. उन्हें यहां की नागरिकता देना है. इस पर अगर विपक्ष के लोग हंगामा करते हैं, करुण क्रंदन करते हैं, तो इससे यह साफ हो जाता है कि वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं.
अनुच्छेद 370 खत्म करने से कम महत्वपूर्ण नहीं सीएए लागू करना
उन्होंने कहा कि रूल, रेगुलेशन बन रहा था कि कैसे इसे लागू किया जाए. अब इसे लागू कर दिया गया है. अनुच्छेद 370 को खत्म करने से कम महत्वपूर्ण नहीं है सीएए को लागू करना. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद वर्ष 1947 में कश्मीर को छोड़कर अन्य जगहों पर जाने वाले सभी लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई. वहीं, ऐसे लोग जो जम्मू-कश्मीर गए, उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली. उन्हें वोटिंग राइट्स नहीं मिला. कल्पना कर सकते हैं आप.
इन धर्मों के लोगों को मिलेगी भारत की नागरिकता : निशिकांत दुबे
डॉ दुबे ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और इसाई अगर प्रताड़ित होकर भारत में शरण लेते हैं और नागरिकता मांगते हैं, तो भारत सरकार अब उन्हें यहां की नागरिकता देगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में इन धर्मों के लोगों की आबादी लगातार घटती गई.
#WATCH | On the CAA notification, BJP MP Nishikant Dubey says "The way (removal of) Article 370 was important, in the same way CAA is important too…The main objective of CAA is that if someone has faced atrocities and they come to India, we will give them citizenship. If the… pic.twitter.com/MvxlSNuiXQ
— ANI (@ANI) March 11, 2024
50-50 साल से लोग भारत में रहते हैं, लेकिन उन्हें अधिकार नहीं मिले
उन्होंने कहा कि इन देशों से लोग भागकर आते हैं और भारत में शरण लेते हैं. लेकिन, उन्हें यहां की नागरिकता नहीं मिल पाती है. वे लोग 20-20 साल से 50-50 साल से यहां आकर रह रहे हैं. लेकिन, उन्हें कोई अधिकारी नहीं मिल पाता है. डॉ दुबे ने कहा कि यदि भारत में हिंदुओं के बारे में आपकी सोच अलग होगी, तो इससे आपकी मानसिकता समझ में आती है.
भारत एकमात्र देश है, जो सेक्युलर है
गोड्डा के सांसद ने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जो सेक्युलर है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान तीनों इस्लामिक देश हैं. उन्होंने कहा कि जिस राज्य (देश) का धर्म इस्लाम हो, उससे अगर मुस्लिम बाहर कहीं जाते हैं, तो उनको वहां क्या समस्या होगी. धर्म के आधार पर उनका कोई उत्पीड़न तो नहीं होगा.
इस्लामिक देशों में उत्पीड़न झेलने वालों को देंगे नागरिकता
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप हिंदू, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी या सिख हैं और आपका इस्लामिक देश में उत्पीड़न होता है और आप भारत में आते हैं, तो हम आपको नागरिकता देंगे. इस पर अगर विपक्ष हंगामा खड़ा करता है, तो यह शुद्ध रूप से वोट बैंक की राजनीति है.
विपक्ष का करुण क्रंदन मुस्लिम पॉलिटिक्स : डॉ निशिकांत दुबे
डॉ निशिकांत दुबे ने इसे विपक्ष का शुद्ध मुस्लिम पॉलिटिक्स करार दिया. कहा कि इन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. इन लोगों के इसी व्यवहार के कारण भारत का विभाजन हुआ. कहा कि अब भारत का विभाजन नहीं होगा. हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई अगर प्रताड़ित होकर भारत में शरण लेंगे, तो उन्हें यहां शरण मिलेगी. उन्हें भारत की नागरिकता भी मिलेगी. ये मोदी जी का मिशन है.