सजेंगी 400 से अधिक पेड़े की दुकानें
घोरमारा में इस बार करीब 400 से अधिक पेड़े की दुकानें लगने का अनुमान है. व्यवसायियों और लोगों को उम्मीद है कि इस बार पेड़े का 80 से 100 करोड़ रुपये का कारोबार होगा. सावन में बाबाधाम आने वाले कांवरिये बासुकिनाथ में पूजा कर लौटते समय घोरमारा का पेड़ा लेना नहीं भूलते हैं. बाबा के प्रसाद के रूप में हर साल यहां से लाखों यात्री पेड़ा खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं. यही वजह है कि घोरमारा में सावन के दौरान पेड़ा कारोबार एक उद्योग का रूप ले लेता है, यहां के पेड़े की खासियत उसकी शुद्धता और स्वाद में है, जो लोगों को बार-बार खरीदने के लिए मजबूर करती है.
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10 हजार से अधिक मजदूरों को मिलेगा रोजगार
पेड़ा नगरी धोरमारा में सावन के महीने में न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि बाहर से भी बड़ी संख्या में कारीगर और मजदूर आते हैं. इस बार भी 10 हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार मिलने की संभावना है. इन मजदूरों को पेड़ा बनाने से लेकर उसे सजाकर बेचने तक की पूरी प्रक्रिया में लगाया जाता है. महिलाओं की भी इसमें खास भागीदारी होती है.
क्या होगी पेड़े की कीमत?
देवघर के श्रावणी मेले में बिकने वाले प्रसाद के मूल्य में इस बार सामान्य बढ़ोतरी की गयी है. इस वर्ष पेड़ा की अधिकतम कीमत 400 रुपये प्रति किलो, रायपुर चुड़ा 80 रुपये किलो और वर्द्धमान चुड़ा 60 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गयी है. इसके अलावा इलायची दाना 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिकेगा.
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