बता दें कि देवघर मार्ट के माध्यम से ऐतिहासिक शिल्पकारों द्वारा बनायी जाने वाली कलाकृतियों के साथ परंपरागत लघु और कुटीर उद्योग जैसे पेड़ उद्योग, लोहारगिरी उद्योग, मिट्टी के बर्तन निर्माण, सिलाई-कढ़ाई, बंबू उद्योग, लाह चूड़ी व लहठी उद्योग द्वारा निर्मित सामान के साथ-साथ स्थानीय लोगों, व्यवसायियों, स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामान के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध होता है. देवघर मार्ट की सफलता को देखते हुए जिला प्रशासन ने और भी अधिक कारीगरों को इसका लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए देवघर मार्ट 2.0 लांच किया, जिसमें कारीगरों व ग्राहकों को कई सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.
देवघर मार्ट 2.0 में क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं
देवघर 2.0 में आर्टिसंस गिल्ड फोरम की व्यवस्था है, जिसमें देशभर के विभिन्न कारीगर एक-दूसरे की कलाओं के बारे में जानने एवं सीखने में मदद करेंगे. ग्राहकों की सुविधा के लिए ओटीपी लेस लॉग इन (व्हाट्सएप लॉग इन) की सुविधा देवघर मार्ट वेबसाइट में रखी गयी है. वेबसाइट के साथ-साथ इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाये गये हैं, जिससे ग्राहकों को खरीदारी करने में सुविधा होगी.
इसमें ग्राहक अपने अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अपने पसंदीदा प्रोडक्ट को कस्टमाइज कर सकते हैं एवं अपने पसंदीदा डिलिवरी पैटर्न को भी चुन सकते हैं. फेज–2 के माध्यम से देवघर मार्ट अब ग्लोबल रिच प्राप्त कर रहा है, जिससे अभी बांस एवं अन्य उत्पाद को निर्यात किया जा रहा है. देवघर मार्ट 2.0 का संचालन देवघर बेस्ड एजेंसी इलेक्ट्रो डाटा सॉफ्ट नामक मल्टी नेशनल कंपनी द्वारा किया जायेगा.
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