संवाददाता, देवघर : सावन की दूसरी सोमवारी को अप्रत्याशित भीड़ उमड़ने का असर मंगलवार को भी बाबा मंदिर में देखा गया. मंगलवार को भी बाबा मंदिर में भारी भीड़ रही. सोमवारी को करीब 20 हजार कांवरिये जलार्पण नहीं कर सके थे, जिन्होंने मंगलवार को जलार्पण किया. इस दौरन भक्तों की कतार बरमसिया से निकलकर नंदन पहाड़ की ओर जा पहुंचीं. शाम पांच बजे तक कांवरियों को बीएड कॉलेज होते हुए तिवारी चौक, हनुमान टिकरी, जलसार चिल्ड्रेन पार्क होते हुए बाबा मंदिर भेजा जा रहा था. इस दौरान शाम सात बजे तक पौने दो लाख कांवरिये जलार्पण कर चुके थे तथा जलार्पण जारी था. वहीं शीघ्र दर्शनम कूपन की व्यवस्था का भी लोग पूरा लाभ ले रहे हैं. मंगलवार को शाम छह बजे तक 12,383 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम के जरीये जलार्पण किया, जो इस सावन में अबतक का सर्वाधिक है. मंगलवार को बाबा मंदिर का पट तय समय पर खुलने के बाद कांचा जल पूजा की गयी. इसके बाद पुजारी विनोद झा ने सवा चार बजे बाबा की दैनिक सरदारी पूजा संपन्न की. इसके बाद आम कांवरियों के लिए जलार्पण शुरू कराया गया. इस दौरान कांवरियों ने मुख्य अरघा व बाह्य अरघा से जलार्पण कर मंगलकामना की. प्रशासन की सतर्कता और प्रबंधन ने भीड़ को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभायी है. मिस्डकूल से कांवरियों को मिल रही राहत सावन में प्रशासन ने कांवरियों को राहत पहुंचाने के लिए कुछ खास इंतजाम किये हैं. मंदिर परिसर से लेकर कतार तक हर जगह ठंडक पहुंचाने के लिए मिस्डकूल सिस्टम लगाया गया है, जो उमस के बीच कांवरियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बाबा मंदिर के संस्कार मंडप, शीघ्र दर्शनम होल्डिंग प्वाइंट, संस्कार मंडप के दोनों तल, क्यू कॉम्प्लेक्स, नेहरू पार्क समेत अन्य प्रमुख स्थलों पर मिस्डकूल रिंग सिस्टम लगाया गया है. इसमें जैसे ही तापमान और उमस बढ़ता है सेंसर सक्रिय होकर रिंग को चालू कर देता हैं और चारों ओर कुहासे जैसी ठंडी बूंदें हवा में फैलने लगती हैं. करीब 10 से 15 मिनट तक यह सिस्टम सक्रिय रहता है, जिससे आसपास ठंडा हो जाता है. कतार में खड़े कांवरियों के लिए यह तकनीक किसी ठंडी छांव की तरह है. विंध्याचल से आए कांवरिया रवि जायसवाल ने बताया कि अगर मिस्डकूल नहीं होता, तो हार्ट की बीमारी से पीड़ित लोगों को बड़ी परेशानी हो सकती थी. अब सभी को काफी राहत मिल रही है.
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