PHOTOS: बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने मिथिलांचल से लाखों श्रद्धालु पहुंचे देवघर, कावंरियों से पटा बाबानगरी

बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने मिथिलांचल से श्रद्धालुओं का बाबानगरी आना जारी है. अब तक लाखों श्रद्धालुओं बाबाधाम पहुंचे चुके हैं. इन श्रद्धालुओं की नगर निगम प्रशासन पानी टैंकर के साथ-साथ अन्य सुविधा उपलब्ध कराया है. ये तिलकहरुए स्कूल-कॉलेज परिसर, मैदान सहित सड़कों के किनारे डेरा जमाये हुए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2023 4:56 PM
an image

बसंत पंचमी पर बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने के लिए मिथिलांचल से तिलकहरुओं का बाबाधाम आना जारी है. अबतक एक लाख से अधिक तिलकहरुए बाबाधाम पहुंच चुके हैं. ये तिलकहरुए स्कूल-कॉलेज परिसर, मैदान सहित सड़कों के किनारे डेरा जमाये हुए हैं. इन भक्तों की भीड़ बाबा मंदिर के अलावा बड़ा बाजार स्थित बैजू मंदिर तक देखी गयी. पूरा मंदिर परिसर इनके द्वारा लाये गये पारंपरिक कांवर से पटा रहा. लोगों को एक मंदिर से दूसरे मंदिर जाने में परेशानी हो रही थी, वहीं शाम को श्रृंगार पूजा के दौरान भी घी चढ़ाने आये इन कांवरियों की भीड़ देखी गयी. पट बंद होने तक करीब 50 हजार भक्तों ने जलार्पण किये.

नगर निगम प्रशासन देवघर आये तिलकहरुओं की असुविधा को देखते हुए विभिन्न जगहों पर चलंत शौचालय के साथ पानी का टैंकर भी लगाया है. मच्छरों के प्रकोप से बचाव के लिए फॉगिंग करायी जा रही है. साफ-सफाई सहित कचरा का उठाव भी नियमित रूप से सुनिश्चित किया गया है. नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तिलकहरुए संस्कृत पाठशाला सहित आरएल सर्राफ हाइस्कूल मैदान, केकेएन स्टेडियम के समीप, नगर पुस्तकालय कैंपस आदि जगहों पर ठहरे हुए हैं.

बेगूसराय के नागेश्वर यादव ने कहा कि बसंत पंचमी पर बाबा नगरी आने की परंपरा पुश्त दर पुश्त चली आ रही है. यह परंपरा किसने शुरू की, यह तो नहीं बता सकते, लेकिन हम 20 वर्षों से लगातार बाबाधाम आकर अपने घर की परंपरा का निर्वहण कर रहे हैं. वहीं, समस्तीपर के नागफनी यादव ने कहा कि बाबा को तिलक चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. बाबा पूरे मिथिलांचल के बहनोई तो हैं ही, साथ ही अराध्य भी हैं. बाबा को तिलक अर्पित करने के बाद से ही हमलोगों की होली शुरू हो जायेगी, यह परंपरा जारी रहेगी.

समस्तीपुर के राधेश्याम ने कहा कि हमलोग अपने अराध्य का तिलक चढ़ाने व उबटन के तौर पर घी अर्पित करने के लिए बसंत पंचमी पर आते हैं. बाबा नगरी हमारी बहन माता पार्वती का घर है. हर साल बहन के घर आकर बहनोई को तिलक देने की परंपरा दशकों से चली आ रही है. वहीं, सीतागढ़ी के शीरेंद्र तिवारी ने कहा कि बाबा का तिलक के बाद ही महाशिवरात्रि में शादी की परंपरा है. तिलक वर पक्ष को कन्या पक्ष की ओर से दिया जाता है. माता पार्वती मिथिला की बेटी है. इस नाते हम सभी तिलक की परंपरा में शामिल होने हर साल आते हैं. सीतामढ़ी के अविनाश कुमार ने कहा कि पिता द्वारा बताये गये परंपरा का निर्वहन करने के लिए पिछले आठ सालों से बाबा भोलेनाथ की तिलक पूजा में शामिल होने के लिए आ रहे हैं. यह परंपरा मेरे घर की ही नहीं, पूरे मिथिला की है. हर गांव से लोग आते हैं.

संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version