मधुपुर. पाथरोल चौक पर स्थित फतू तालाब में तरह-तरह के लत्तड़ व गाद भर जाने के कारण बर्बाद हो रहा है. तालाब को संरक्षित व साफ-सफाई नहीं किया गया तो इसका पानी उपयोग के लायक नहीं रहेगा और अस्तित्व खत्म हो जायेगा. इस तालाब में छठ पूजा के समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु जमा होते है, लेकिन अब यह तालाब जल अभाव से जूझ रहा है. तालाब जीर्णोद्धार के लिए सरकार की ओर से यहां लाखों रुपये खर्च किया गया है, लेकिन वर्तमान में तालाब में आने वाले सभी नालों को बंद करने से स्थिति भयावह हो गयी है. बाहर का पानी तालाब में आना बंद हो गया है. तालाब मैदान में तब्दील होता जा रहा है. तालाब में बड़े-बड़े यहां घास उग गये है. तालाब में गंदगी जमा हो गयी है. रख रखाव के अभाव में यह तालाब बर्बाद होता जा रहा है. इसकी गहराई नहीं होने से पानी जमा नहीं हो रहा. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तालाब को गहरा कराने की मांग की है. तभी यहां बरसात में जल संरक्षण कर पानी को बचाया जा सकता है. उक्त तालाब से सिंचाई के अलावे मछली पालकों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पाथरोल ताजा मछली के लिए इलाके में सबसे ज्यादा चर्चित जगह है. मछली पालक जिंदा मछली लेकर इसी तालाब में रखते है और ग्राहकों के आने पर तालाब से निकाल कर जिंदा मछली देते हैं. साथ ही छठ के दौरान भी पाथरोल समेत आसपास के दर्जनों ग्रामीणों के लिए यह तालाब महत्वपूर्ण है और हजारों की संख्या में छठ मनाने लोग पहुंचते हैं. हाइलार्ट्स: संरक्षण के अभाव में बर्बाद हो रहा है पाथरोल का फतू तालाब
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