Shravani Mela 2025: देवघर में लगने वाला विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला नजदीक है. इसे लेकर बाबा मंदिर के महंत सह सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा ने कहा कि यह मेला न केवल बाबा नगरी की पहचान है, बल्कि पूरे झारखंड का सबसे लंबा चलने वाला धार्मिक आयोजन है. पूरे श्रावण माह चलने वाले इस मेले में हर दिन लाखों कांवरिये सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा नगरी पहुंचते हैं और शिवगंगा में स्नान कर गंगाजल से बाबा भोलेनाथ का जलार्पण करते हैं.
युगों-युगों से चली आ रही है परंपरा – सरदार पंडा
इस संबंध में सरदार पंडा ने बताया कि यह परंपरा कोई आज की नहीं, बल्कि युगों युगों से चली आ रही है. बाबा मंदिर में साल दर साल भीड़ बढ़ती जा रही है. यह इस बात का प्रतीक है कि लोगों की आस्था और श्रद्धा में कोई कमी नहीं है. भीड़ के अनुसार सुविधाएं भी बढ़ रही हैं, लेकिन इसके साथ-साथ समुचित व्यवस्था बनाये रखना बेहद आवश्यक है.
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समयानुसार खोला और बंद किया जाये मंदिर का पट
गुलाबनंद ओझा ने कहा कि हर तीर्थ स्थल पर पूजा-पाठ के लिए मंदिर का पट खोलने और बंद करने का समय तय होता है, लेकिन बाबा मंदिर में यह परंपरा अब समाप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बाबा मंदिर में दिन-रात भक्तों की भीड़ रहती है और मंदिर का पट लगभग निरंतर खुला रह रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रशासन, पंडा धर्मरक्षिणी सभा और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ मिल बैठकर पुनः विचार करने योग्य है. मंदिर का पट समयानुसार खोला और बंद किया जाये, ताकि व्यवस्था बनी रहे.
डीसी का करें सहयोग
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी के डीसी नये हैं, उन्हें मेला की जमीनी स्थिति की पूरी जानकारी नहीं है. ऐसे में पुरोहित समाज, पंडा समाज तथा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे उन्हें सहयोग करें. ताकि मेला संचालन सफलतापूर्वक किया जा सके.
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वायरल वीडियो पर जतायी चिंता
इस दौरान सरदार पंडा ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो पर भी चिंता जाहिर की, जिसमें प्रशासनिक भवन से बड़ी संख्या में लोगों को मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे प्रशासन, पुरोहित समाज और मंदिर व्यवस्था की छवि धूमिल हो रही है. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रशासनिक भवन के ऊपरी तल पर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की नियुक्ति की जाये, जो सूचीबद्ध वीआईपी को चिन्हित कर पूजा करायें और शेष को रोका जाये.
सरदार पंडा ने दिये सुझाव
उन्होंने कहा कि बिजली, पानी और जलार्पण की व्यवस्था पहले से बेहतर होती जा रही है, लेकिन कुछ जरूरी सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने मांग की है कि मंदिर परिसर और मेला क्षेत्र में जगह-जगह आपातकालीन संपर्क नंबर प्रदर्शित किया जाये. ताकि जरूरत पड़ने पर लोग संबंधित विभागों से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकें. सरदार पंडा ने आगे कहा कि मेला का विराट स्वरूप और सुचारु संचालन तभी संभव है, जब सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें. बाबा की कृपा सभी पर बनी रहे. इसके लिए व्यवस्था भी वैसी ही मजबूत होनी चाहिए.
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