संवाददाता, देवघर : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह डिजिटल करने की कवायद तेज हो गयी है. मरीजों के इलाज से लेकर उनकी जांच तक का रिकॉर्ड अब पेपरलेस होगा. सभी नागरिकों को आभा कार्ड और चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को एचपीआर बनाना अनिवार्य किया गया है. जिसके माध्यम से चिकित्सक मरीजों की जांच व इलाज करेंगे, जिसका रिकॉर्ड आभा कार्ड में रहेगा. इसे लेकर बुधवार को स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव सह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज ने सदर अस्पताल के सभागार में समीक्षा बैठक की. इसमें संताल परगना के देवघर, दुमका व जामताड़ा के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की समीक्षा की गयी.
हर माह कम से कम 15 हजार लोगों का आभा कार्ड बनाने का लक्ष्य
बैठक में संयुक्त सचिव सह अभियान निदेशक ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं का पूरी तरह से डिजिटलाइजेशन करना है. यह भारत सरकार की योजना है, जिसे राज्य सरकार की ओर से योजना को लागू किया जा रहा है. उन्होंने तीनों जिले के सिविल सर्जन को कहा कि डीपीसी, सहिया और परियोजना समन्वयक के सहयोग से प्रतिमाह कम से कम 15000 लोगो का आभा कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर इसे पूरा भी करायें. साथ ही लक्ष्य पूरा नहीं करने पर उनका वेतन रोक दें. उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों का आभा कार्ड बनाना अनिवार्य है, वहीं सभी सरकारी, गैर सरकारी चिकित्सकों, नर्स, पारा मेडिकल कर्मी (एचपीआर) को हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री व सभी सरकारी गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन होने के बाद इलाज से लेकर जांच तक सभी पेपरलेस हो जायेंगे. मरीज कहीं भी आभा कार्ड के नंबर से इलाज करा सकेंगे. आभा कार्ड के नंबर से इलाज कराने पर जांच के सभी कागज ऑनलाइन उपलब्ध हो जायेंगे, जिसके चिकित्सक को इलाज में सुविधा होगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि देवघर जिले में इस योजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों पर राज्य अभियान निदेशक ने संतोष जताया है. साथ ही आभा कार्ड बनाने में धीमी गति को तेज करने को कहा.
पीएचसी से लेकर मेडिकल कॉलेज तक में लगाये जायेंगे सीसीटीवी कैमरे
संयुक्त सचिव सह अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज ने बताया कि झारखंड सरकार अगले दो से तीन महीनों में मुख्यमंत्री डिजिटल योजना की शुरुआत करेगी, जिसके माध्यम से अगले कुछ सालों में मेडिकल कॉलेज से लेकर सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल समेत सीएचसी से पीएचसी तक सभी में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ायी जायेगी. सभी को इंटरनेट से जोड़ा जायेगा. इसके अलावा पीएचसी में दो, सीएचसी में आठ, अन्य अस्पताल में आवश्यकता अनुसार सीएसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. साथ ही जिला व राज्य मुख्यालय में कंट्रोल व मॉनिटरिंग रूम रहेगा, जहां से मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक की मॉनिटरिंग की जायेगी, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. बैठक की शुरुआत में सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी ने संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज को तथा डीएस डॉ प्रभात रंजन और जिला नोडल पदाधिकारी डॉ शरद कुमार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के संयुक्त निदेशक राजन कुमार व मोनिका राणा को बुके देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर दुमका सिविल सर्जन डॉ बीपी सिंह, दुमका मेडिकल कॉलेज,अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके चौधरी, जामताड़ा सिविल सर्जन डॉ आनंद मोहन सोरेन, उपाधीक्षक डॉ आलोक विश्वकर्मा, राज्य के टेक्निकल सेल से प्रभात गिरी, डीपीएम समरेश सिंह, परियोजना समन्वयक सुधांशु रंजन, प्रभारी अस्पताल प्रबंधक अनिमेष घोष, चितरंजन विश्वकर्मा, विजय प्रसाद, मुजफ्फरुल समेत अन्य थे.
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