Dhanbad News : सत्या राज, धनबाद. न्यू मुरली नगर स्थित नेत्रहीन आवासीय विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है. आवास की खिड़कियां टूट गयी हैं. बारिश होने पर कपड़े टांग कर बचाव किया जाता है. आवास का बाहरी कोलेप्सेबल गेट भी टूट चुका है. धनबाद ब्लाइंड रिलीफ सोसाइटी द्वारा संचालित विद्यालय में 18 बच्चे रह रहे हैं. तमाम असुविधा के बावजूद बच्चे खुशमिजाज है. इनके मन में भविष्य के सपने पल रहे हैं. बच्चे जर्जर आवास को लेकर उपायुक्त से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी मदद करें, ताकि बड़ा हादसा से बचाव हो सके.
55 साल पहले रखी गयी थी नींव :
फादर हेस ने रखी थी नींव :
सोसाइटी के संयुक्त सचिव राजेंद्र राही ने बताया कि फादर हेस ने 1972 में ब्लाइंड स्कूल की शुरुआत की थी. धनबाद के तत्कालीन उपायुक्त केबी सक्सेना विद्यालय के अध्यक्ष थे. मोहलबनी से विद्यालय की शुरुआत की गयी थी. लेकिन माइनिंग एरिया में आने के बाद इसे जीएम बंगलो में शिफ्ट कर दिया गया.वह क्षेत्र भी माइनिंग एरिया में आ गया और विद्यालय बंद हो गया. इस पर सोसाइटी की ओर से रांची हाइकोर्ट में पीआइएल दायर किया गया. 2010 में हाइकोर्ट ने सोसाइटी के पक्ष में फैसला देने के साथ बीसीसीएल को निर्देश दिया कि ढाई एकड़ जमीन में स्कूल बना कर सोसाइटी को दें. 2011 से न्यू मुरली नगर के कम्युनिटी हॉल में विद्यालय संचालित है.
भवन के लिए हुई है कई बार मीटिंग :
पढ़ाई के साथ संचालित होती हैं कई गतिविधियां :
आवासीय विद्यालय में रहनेवाले बच्चे पढ़ाई के लिए वरीय बुनियादी विद्यालय जगजीवन नगर जाते हैं. उनकी रुचि के अनुसार म्यूजिक, खेलकूद व कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी जाती है. सरकारी अनुदान मिले, तो बच्चों के सपनों में भरेंगे रंग के लिए सोसाइटी के मेंबर्स पूरी कोशिश में लगे हैं. अंकित सोनू, दीपक, रोहित, बाबू, भागीरथ, रौनक, करण, विष्णु, लक्ष्मण, निखिल, आकाश, धनंजय, अशोक, विवेक यहां रहते हैं.
स्पेशल शिक्षक देते हैं ब्रेल लिपि की ट्रेनिंग :
बच्चों की सेवा कर मिलती है खुशी :
विद्यालय के केयर टेकर राजेश महतो कहते हैं कि इन बच्चों की सेवा कर खुशी होती है. बच्चे काफी समझदार हैं. घर वाले भी मिलने आते रहते हैं.
ये हैं सोसाइटी के सदस्य :
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