कोयला राजधानी धनबाद जैसे धनवान शहर में आज भी एयरपोर्ट का न होना विकास में बड़ी बाधा है. उच्च और तकनीकी शिक्षा की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. रंगदारी और छिनतई की घटनाएं घटने की बजाय बढ़ रही हैं. सड़कों का चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाना जरूरी हो गया है. शुक्रवार को प्रभात खबर द्वारा धनबाद क्लब में आयोजित समाज की आवाज कार्यक्रम में मारवाड़ी समुदाय के लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने समस्याओं के साथ समाधान भी सुझाये. उनका कहना था कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए संवाद जरूरी है. कम्यूनिकेशन गैप से ही समस्याएं बढ़ती हैं. समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि धनबाद सबसे अधिक राजस्व देने वाला और औद्योगिक शहर है, लेकिन यह हायर एजुकेशन, बेहतर स्वास्थ्य सेवा और एयरपोर्ट के लिए संघर्ष कर रहा है. रंगदारी का आतंक इतना बढ़ गया है कि बड़े व्यवसायी यहां निवेश करने से डरते हैं.
बढ़ते अपराध से पलायन कर रहे हैं यहां के उद्योगपति
अपराध से मुक्ति जरूरी
कृष्णा अग्रवाल,
अध्यक्ष, जिला मारवाड़ी सम्मेलन
रंगदारी ने रोका विकास
धनबाद विकास में पिछड़ा है. एयरपोर्ट नहीं होने से डॉक्टर और उद्योगपति नहीं आना चाहते. रंगदारी की समस्या तेजी से बढ़ रही है. इससे व्यापारियों में डर है. सरकार को अपराध पर लगाम लगानी चाहिए और शहर के विकास की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए.
चेतन गोयनका,
एयरपोर्ट व तकनीकी शिक्षा की कमी
ललित झुनझुनवाला,
चार्टर्ड अकाउंटेंट
ट्रैफिक में घुटता शहर
राजेश रिटोलिया,
उपाध्यक्ष, जिला मारवाड़ी सम्मेलन
रंगदारी सबसे बड़ी बाधा
धनबाद में रंगदारी सबसे बड़ी समस्या है. व्यापारी पलायन कर रहे हैं. बाहर के निवेशक नहीं आना चाहते. शहर हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है, जबकि यह सबसे ज्यादा राजस्व देता है. नेताओं का रुख सकारात्मक नहीं है. बदलाव की सख्त जरूरत है.
आरवी गोयल,
पर्यटन को मिलनी चाहिए प्राथमिकता
कोयला राजधानी होते हुए भी धनबाद में पर्यटन स्थल नहीं हैं. सरकार को इस दिशा में काम करना चाहिए. वृक्षों की कटाई हो रही है, लेकिन पौधारोपण नहीं. रोजगार और शिक्षा की स्थिति खराब है. स्वास्थ्य सेवाओं में भी काफी सुधार की जरूरत है.
अनिल खेमका,
एयरपोर्ट और सुरक्षा दोनों जरूरी
धनबाद में एयरपोर्ट की कमी सबसे बड़ी समस्या है. समय की बर्बादी होती है. अच्छे अस्पताल नहीं हैं. गुंडागर्दी बढ़ रही है. रंगदारी और छिनतई से लोग परेशान हैं. यह शांतप्रिय शहर अब असुरक्षित होता जा रहा है. व्यवस्था में सुधार जरूरी है.
दीपक अग्रवाल,
अपराध चिंता का विषय
धनबाद शांतप्रिय शहर है, लेकिन अब अपराध बढ़ रहे हैं. सरकार और प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए. ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हो. बजट में इलाज के लिए अच्छे अस्पताल बनने चाहिए, ताकि आम जनता को सुविधा मिल सके और शहर सुरक्षित हो सके.
अमित सतनालिका,
चौड़ी सड़कें और स्थायी बिजली चाहिए
वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है लेकिन सड़कें वैसी ही हैं. चौड़ीकरण नहीं हो रहा. दिनभर जाम की समस्या रहती है. बिजली की हालत भी खराब है. यातायात और बिजली व्यवस्था सुधारना जरूरी है ताकि लोग चैन से जीवन जी सकें.
विनय अग्रवाल,
फ्लाईओवर और बेहतर सड़कें बनें
धनबाद को फ्लाईओवर की जरूरत है. जाम से काम बाधित होते हैं. बारिश में सड़कें गड्ढों में बदल जाती हैं. सड़क निर्माण की गुणवत्ता में सुधार हो. जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सुनियोजित ढंग से कार्य शुरू किया जाना चाहिए.
जयप्रकाश अग्रवाल,
निजी स्कूलों की मनमानी बंद हो
शहर में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. बिजली दूसरे राज्यों को जाती है, पर यहां अंधेरा है. ट्रामा सेंटर चाहिए. निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगे. जनप्रतिनिधियों को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जरूरी मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
राजेश अग्रवाल,
जिले को अच्छा अस्पताल चाहिए
कोयलांचल में अच्छे अस्पताल नहीं हैं. गंभीर बीमारियों का इलाज बाहर जाकर करना पड़ता है. एयरपोर्ट की जरूरत है. दिल्ली और चेन्नई के लिए सीधी ट्रेन होनी चाहिए. रोजगार और महिला सुरक्षा पर भी काम हो. यह सब मिलकर शहर को आगे बढ़ाएगा.
संजय गोयल,
समस्याएं जो सामने आयीं
सरकारी अस्पतालों में सुधार नहीं हो रहा.
निजी स्कूल की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं.
एयरपोर्ट का न होना बड़ी समस्या.
सुझाव जो सामने आये
पर्यटन स्थल पर फोकस किया जाना चाहिएसाफ-सफाई मुहल्ले तक पहुंचे, कचरा सही से उठाया जाये.
हाइवे, कोलियरी के पास सबसे अधिक दुर्घटना होती है, यहां ट्राॅमा सेंटर खुलेसड़क दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए प्रशासन को स्पीड मॉनिटरिंग करनी चाहिए
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