‘विकसित भारत 2047’ के विजन को लेकर आइआइटी आइएसएम में पांच व छह जुलाई को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन डिजिटल तकनीकों के माध्यम से व्यावसायिक उत्कृष्टता और सतत विकास के लिए संवाद कार्यक्रम होगा. संस्थान के प्रबंधन अध्ययन तथा औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त प्रयास से आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया भर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को एक मंच पर लाकर डिजिटल बदलावों के प्रभाव पर चर्चा करना है. इसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी के व्यापार, नवाचार, रणनीतिक विकास और सतत प्रगति में योगदान को समझने व साझा करने का अवसर मिलेगा. इस सम्मेलन में डेटा एनालिटिक्स, वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन, संचालन रणनीति, सूचना प्रणालियां, ऊर्जा प्रबंधन, औद्योगिक इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों पर चर्चा होगी. इस वैश्विक मंच पर अमेरिका, नॉर्वे, यूके, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, यूएई व पोलैंड जैसे देशों के प्रख्यात विशेषज्ञ भाग लेंगे. इनमें प्रो मागेश चंद्रमौली, प्रो अजित वर्मा, डॉ रितु शांडिल्य, प्रो सिरिल फॉरपॉन और प्रो गोपीनाथ चट्टोपाध्याय प्रमुख हैं. वहीं भारत की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, आइआइटी, आइआइएम, बीएचयू व आइआइएससी से जुड़े कई वरिष्ठ प्रोफेसर भी विचार साझा करेंगे. इसमें डॉ कोंगा गोपीकृष्ण, प्रो मेघा शर्मा, प्रो रघुनंदन सेनगुप्ता व प्रो शशिकांत मिश्रा मुख्य है. सम्मेलन से पूर्व चार जुलाई को एक विशेष प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप होगा. इसमें प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और विषयवस्तु से परिचय कराया जायेगा.
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