Dhanbad News: संस्कार, सहयोग व अपनापन का प्रतीक है संयुक्त परिवार

तेजी से बदलते समय में जहां एकल परिवार की अवधारणा ने शहरी जीवनशैली को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, वहीं आज भी कई घरों में संयुक्त परिवार की जड़ें मजबूती से टिकी हैं.

By ASHOK KUMAR | May 15, 2025 2:23 AM
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अंतरराष्ट्रीय संयुक्त परिवार दिवस पर विशेष :

तेजी से बदलते समय में जहां एकल परिवार की अवधारणा ने शहरी जीवनशैली को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, वहीं आज भी कई घरों में संयुक्त परिवार की जड़ें मजबूती से टिकी हैं. जीवन की आपाधापी, प्रोफेशनल व्यस्तताओं व स्वतंत्रता की चाह ने भले ही लोगों को अलग कर दिया हो, लेकिन आज भी बहुत से परिवार ऐसे हैं, जहां तीन पीढ़ियां एक साथ हंसती, लड़ती, सुलझती व जीती है. दादा-दादी की कहानियां, चाचाओं की डांट, भाइयों की शरारत और बहनों का साथ, ये सब मिलकर उस खूबसूरत रिश्तों की माला को गूंथते हैं जिसे संयुक्त परिवार कहते हैं. हर साल 15 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त परिवार दिवस मनाया जाता है, ताकि समाज में संयुक्त परिवारों के महत्व, उनके योगदान और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान दिया जा सके. भारत में सदियों से संयुक्त परिवार की परंपरा रही है.

परिवार जो आज भी संजोए है संयुक्तता की मिसाल

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