कैसे घटी घटना
वह झरिया राजा तालाब के समीप रहने वाले टेंपो चालक प्रदीप साव के बड़े पुत्र प्रिंस कुमार साव (16) अष्टम बोर्ड की परीक्षा देने के लिए केसी गर्ल्स स्कूल गया था. वह डीएवी मध्य विद्यालय झरिया का कक्षा अष्टम का छात्र था. करीब एक बजे परीक्षा समाप्त होने पर वह स्कूल से बाहर निकल रहा था, तभी अचानक मुख्य गेट के ऊपर का छज्जा उस पर गिर गया. उससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. परिजन व आसपास के लोगों ने आनन-फानन में उसे निजी अस्पतालों में ले गये. लेकिन किसी ने भर्ती नहीं ली. एक घंटे बाद उसे धनबाद जालान हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
शव के साथ की सड़क जाम
अस्पताल में मौत के बाद शव को लेकर परिजन स्कूल परिसर पहुंचे. शव को स्कूल के सामने रखकर सड़क जाम कर दिया. वे स्कूल में चपरासी पद पर मृतक के एक आश्रित को नियोजन व 20 लाख रुपये मुआवजा की मांग कर रहे थे. स्कूल प्रबंधन व शिक्षा विभाग के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. लोग शिक्षकों को बाहर निकालकर उनपर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. सूचना पाकर सिंदरी डीएसपी भूपेंद्र राउत , झरिया सीओ रामसुमन प्रसाद, एसआइ सौरव कुमार पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. आक्रोशित लोगों को देख पुलिस ने सभी शिक्षकों को एक कमरे में बंद कर दिया. देर शाम को बीइइओ कामेश्वर महतो स्कूल पहुंचे.
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दूसरी पाली के परीक्षार्थी डरे-सहमे रहे
दूसरी पाली में परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राएं हंगामा देख कर डरे-सहमे रहे. कई विद्यार्थियों के अभिभावक रोते बिलखते स्कूल पहुंचे. पुलिस ने परीक्षा समाप्त होने के बाद सभी विद्यार्थियों को बारी-बारी से स्कूल से बाहर निकाला.
त्रिपक्षीय वार्ता विफल
रात को परिजनों की बीइइओ कामेश्वर महतो, सिंदरी डीएसपी भूपेंद्र राउत, सीओ रामसुमन प्रसाद के समक्ष वार्ता हुई. परिजनों ने स्कूल में चपरासी की सरकारी नौकरी व बीस लाख रुपये मुआवजा की मांग की. इस पर बीइइओ ने अपनी असमर्थता जतायी. जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी से दूरभाष पर बात की. उसमें डीइओ ने स्कूल में रसोई का काम देने की बात कही. इस पर परिजन तैयार नहीं हुए. परिजनों का कहना था कि मांगें पूरी होने तक शव यहां पर रखा रहेगा. इस दौरान विधायक प्रतिनिधि केडी पांडेय, पूर्व विधायक प्रतिनिधि अखिलेश सिंह, अरुण साव, शैलेश सिंह चंद्रवंशी, महेश शर्मा आदि थे.
1932 से संचालित है स्कूल, चार साल पहले हुई थी मरम्मत
बताया जाता है कि केसी गर्ल्स स्कूल का भवन जर्जर होने के कारण स्कूल की नौवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को झरिया एकेडमी स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था. कक्षा प्रथम से अष्टम तक की कक्षाएं इसी भवन में संचालित हो रही हैं. यह विद्यालय 1932 से संचालित है. चार साल पूर्व विद्यालय की मरम्मत की गयी थी. समाचार लिखे जाने तक हंगामा होता रहा.