दूध व लावा से नाग देवता की विशेष पूजा की गयी, मेले में जमकर हुई खरीदारी प्रतिनिधि, बासुकिनाथ मयूराक्षी नदी के तट पर स्थित जरमुंडी प्रखंड रायकिनारी पंचायत के बेलदाहा नाग मंदिर में रविवार को अष्टनागों की पूजा को लेकर भक्तों की भीड़ लगी रही. मंदिर प्रांगण में मेले का आयोजन हुआ. भक्तों की भीड़ मंदिर प्रांगण में जुटी थी. नाग मंदिर में करीब 25 हजार भक्तों ने अष्टनाग की पूजा-अर्चना की. मंदिर पुजारी नागेश्वर पंडा, नंदेश्वर पंडा एवं भोला पंडा ने बताया कि यह नाग मंदिर अति प्राचीन है. इस इलाके में यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर के पुजारी नागेश्वर पंडा ने बताया कि नाग मंदिर का इतिहास पुराना है. दूध एवं लावा से नाग देवता की विशेष पूजन की गयी. मंदिर के पुजारी व आसपास के गांव के ग्रामीण विधिविधान के साथ विशेष पूजा की. दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए डलिया चढ़ाया. नाग मंदिर में भक्तों की आस्था देखते ही बनती है. यहां अष्टनागों की भी विधिवत पूजा हुई. मान्यता है कि सच्चे मन से यहां मांगी गयी मनौती अवश्य पूर्ण होती है. सर्पदंश से पीड़ित कोई भी व्यक्ति यहां से निराश नहीं लौटा है. भक्तों ने तालाब से मंदिर गेट तक दंडवत प्रणाम कर मंदिर की परिक्रमा की. मंदिर के पंडित नंदेश्वर पंडा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष आद्रा नक्षत्र में 15 दिनों तक मंदिर के पंडित दिन भर उपवास में रहकर रात्रि में पूजा करते हैं. सोमवार को मंदिर में सैकड़ों पाठा का बलि प्रदान की जायेगी. मंदिर में दो दिवसीय मेले का भी आयोजन होता है. दर्जनों गांव के हजारों लोग शामिल होते हैं.
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