बासुकिनाथ. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि उपरांत त्रयोदशी तिथि पर बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इस दिन भगवान गणेश और महादेव की पूजा करने वालों को कभी संकट का सामना नहीं करना पड़ता. रवि प्रदोष पर मंदिर को फूलों से सजाया गया है. भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों द्वारा षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना की गयी. करीब 45 हजार शिवभक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. पुरोहित द्वारा षोडशोपचार पूजा करायी गयी. मंदिर पुजारी ने भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा अर्चना व शृंगार पूजा की. चार बजे भोर से मंदिर प्रांगण में भक्तों का तांता लगा रहा. सरकारी पूजा के बाद मंदिर गर्भगृह का गेट भक्तों के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर बाबा फौजदारीनाथ की पूजा-अर्चना की. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि रवि प्रदोष पर शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जप तथा दूध, दही, घी, गुड़, भांग, ईख का रस, गंगाजल आदि से अभिषेक करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. भक्तों ने बच्चों का मुंडन संस्कार कराया. भोलेनाथ व माता पार्वती का गठबंधन, श्रृंगार पूजन, शांति पूजन, जप अनुष्ठान, महामृत्युंजय मंत्र जप शांति पूजन सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान नियम निष्ठापूर्वक संपन्न करवाए. संपूर्ण मंदिर परिसर हर हर महादेव के नारे से गुंजायमान रहा. श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने के लिए सीओ संजय कुमार, पुलिस निरीक्षक श्यामानंद मंडल मंदिर कर्मियों के साथ दिन भर लगे रहे.
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