एडीजे पद पर दुमका के पारस सिन्हा का चयन, बचपन का सपना हुआ पूरा, अधिवक्ता संघ ने दी बधाई
पारस सिन्हा के पिता प्रदीप कुमार सिन्हा दुमका व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता हैं. इनके दादा भी अधिवक्ता थे. पारस की शुरुआती पढ़ाई संत जोसेफ हाईस्कूल, गुहियाजोरी से हुई. उन्होंने माता-पिता और पत्नी को इस सफलता के लिए धन्यवाद दिया.
By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2023 5:30 AM
दुमका: बचपन से जज बनने का सपना देख पढ़ाई करने वाले पारस सिन्हा को आखिरकार मुकाम मिल ही गया. वे अपर जिला जज (एडीजे) के तौर पर चयनित हुए हैं. इससे पहले दो बार झारखंड और बिहार न्यायिक सेवा के उच्च न्यायिक सेवा में इंटरव्यू तक पहुंचने में वे सफल रहे थे. इस बार इनका चयन अंतिम रूप से हुआ है. पारस सिन्हा के पिता प्रदीप कुमार सिन्हा दुमका व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता हैं. इनके दादा भी अधिवक्ता थे. पारस की शुरुआती पढ़ाई संत जोसेफ हाईस्कूल, गुहियाजोरी से हुई. स्नातक एसपी कॉलेज से और वर्ष 2006 में एलएलबी दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की. इस बार अपर जिला जज का एग्जाम दिया तो वह पास हो गये. इस परीक्षा में उनका तीसरा रैंक है.
माता-पिता व पत्नी का है पूरा सहयोग
पारस सिन्हा ने माता-पिता और पत्नी को इस सफलता के लिए धन्यवाद दिया. उनका कहना है कि माता-पिता और पत्नी का पूरा सहयोग रहा. शादी के बाद पढ़ाई कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन सभी के सहयोग से इस मुकाम पर पहुंच पाया.
दुमका अधिवक्ता संघ के महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि इस संघ से पहली बार किसी अधिवक्ता का चयन अपर जिला जज में हुआ. संघ के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि इससे नये अधिवक्ताओं में प्रतियोगिता परीक्षा के प्रति रुझान बढ़ेगा.