दुमका कोर्ट. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के एक मामले में देवघर एसपी के खिलाफ डीजीपी को पत्र लिखा है. इससे पहले डीआईजी को भी एसपी द्वारा सकारात्मक पहल नहीं करने को लेकर पत्र लिखा गया था लेकिन जब कोई गवाह इस केस में अभियोजन द्वारा नहीं प्रस्तुत कराया गया, तब एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश मोहित चौधरी ने डीजीपी को पत्र लिखा है. मामला पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव और सारठ के पूर्व विधायक रणधीर सिंह से संबंधित था, जिसमें अभियोजन पक्ष द्वारा कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया. इस कारण विशेष न्यायाधीश मोहित चौधरी ने पहले तो देवघर एसपी को गवाह प्रस्तुत करने के लिए कहा था. बाद में डीआईजी दुमका प्रक्षेत्र को भी पत्र लिखा गया था और उनके द्वारा भी एसपी देवघर को निर्देशित किया गया था, लेकिन इसके बावजूद जब न्यायालय में गवाह नहीं आया तब बुधवार को न्यायालय ने डीजीपी को पत्र लिखा. बता दें कि इससे पहले न्यायालय द्वारा गवाहों को उपस्थित होने के लिए पहले समन, वारंट जारी किया गया था लेकिन इसके बावजूद न्यायालय में गवाह उपस्थित नहीं हो रहे हैं. मामला 15 सितंबर 2010 का है. जब देवघर में सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर तत्कालीन झाविमो विधायक प्रदीप यादव एवं रणधीर सिंह के नेतृत्व में सड़क जाम किया गया था. जाम को लेकर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. मामले में दंडाधिकारी के रूप में तैनात श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सुधीर ओहदा ने लोक संपत्ति अधिनियम के तहत 12 नामजद समेत 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में एक अन्य आरोपी प्रमोद विद्यार्थी की रिहाई हो चुकी है.
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