बासुकिनाथ. उतर प्रदेश के केशवधाम वृंदावन (मथुरा) में राष्ट्रीय शैक्षिक नवाचार वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त झारखंड के नवाचारी शिक्षक डॉ सपन कुमार पत्रलेख को सम्मानित किया गया. शिक्षक डॉ सपन कुमार को राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार आधारित शिक्षण कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न देकर शैक्षिक नवाचार मंच ने सम्मानित किया. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गनाइजेशन के महासचिव सीएल रोज व शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन यूपी व राष्ट्रीय शैक्षिक नवाचार कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने सम्मानित किया. कार्यशाला में डॉ सपन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी ज्ञान दिलाना नहीं बल्कि उसे एक अच्छा नागरिक बनाने हेतु नैतिक शिक्षा, राष्ट्रीयता, सामाजिकता एवं कौशल विकास का भी ज्ञान देना है. देश के सभी प्रदेशों में एक समान परिस्थिति उपलब्ध नहीं है. झारखंड के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा देना और भी कठिन कार्य है. इस क्षेत्र के बच्चे प्रथम पीढ़ी के पढ़ने वाले बच्चे हैं. बच्चों को विद्यालय तक लाना काफी कठिन कार्य है. विद्यार्थियों को विद्यालय से जोड़कर रखना एवं उसे निरंतर आगे बढ़ना सबसे बड़ा उद्देश्य है.
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