Home झारखण्ड पूर्वी सिंहभूम East Singhbhum news : खड़ियाडीह के टुसू मेला में दिखी झारखंडी संस्कृति की झलक, 20 प्रतिमाओं में बरसोल की टुसू को प्रथम पुरस्कार

East Singhbhum news : खड़ियाडीह के टुसू मेला में दिखी झारखंडी संस्कृति की झलक, 20 प्रतिमाओं में बरसोल की टुसू को प्रथम पुरस्कार

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East Singhbhum news : खड़ियाडीह के टुसू मेला में दिखी झारखंडी संस्कृति की झलक, 20 प्रतिमाओं में बरसोल की टुसू को प्रथम पुरस्कार
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गालूडीह. आखाइन जतरा के दिन गालूडीह स्थित जोड़सा पंचायत के खड़ियाडीह गांव में बुधवार को लोक संस्कृति टुसू मेला कमेटी के तत्वावधान में भव्य टुसू मेला आयोजित हुआ. इसमें झारखंडी लोक संस्कृति की झलक दिखी. लोग मांदर-धमसे की थाप पर टुसू गीत गाते हुए थिरके. मेले में आसपास के दर्जनों गावों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए. मेला में टुसू प्रतियोगिता हुई. विभिन्न जगहों से मेले में 20 टुसू प्रतिमाएं आयी थीं. मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन थे. मंत्री ने कहा कि पर्व-त्योहार आपसी भाईचारे को बढ़ता है. इस परंपरा को कायम रखने की जिम्मेदारी हम सब की है. उन्होंने युवा पीढ़ी को टुसू पर्व से जुड़े रहने का आह्वान किया. अतिथि के हाथों प्रथम टुसू का पुरस्कार बरसोल से लायी गयी टुसू को 10 हजार, द्वितीय पुरस्कार पोटका की टुसू को 8 हजार और तृतीय पुरस्कार खड़ियाडीह की टुसू को 6 हजार दिया गया.

बूढ़ी गाड़ी नाच में सरदारगोड़ा की टीम विजयी, मिला तीन हजार इनाम

मेला में आयोजित बूढ़ी गाड़ी नाच में सरदारगोड़ा का नृत्य दल विजयी हुआ. विजेता को तीन हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया गया. मेले में अन्य कई तरह की पारंपरिक लोक नृत्य लोक कलाकारों ने प्रस्तुत किया. मौके पर लालटू महतो, कालीपद गोराई, जगदीश भकत, वकील हेंब्रम, मंटू महतो, रंजीत कोईरी, तारकनाथ महतो, डॉ मनोज महतो, मंगल सिंह, दुर्गा मुर्मू, दुर्गा चरण मुर्मू, मनोज गोप, समीर महतो, रोहिणी गोप, उत्पल गोप, हरिपद गोप, बबलू महतो, दीपक महतो, अशोक महतो, राजेश महतो, मोनी महतो आदि अनेक सदस्य उपस्थित थे.

गालूडीह बराज डैम दिगड़ी में लगा मेला, कालीमाटी की टुसू को मिला प्रथम पुरस्कार

गालूडीह बराज दिगड़ी में आखाइन जतरा के दिन बुधवार की शाम को आदिवासी यूथ क्लब की ओर से भव्य टुसू मेला आयोजित हुआ. मेला में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए. मेला में लोग मांदर-धमसे की थापर पर नाचे और एक दूसरे के बीच खुशियां बांटी. रामदास सोरेन ने कहा कि आदिवासी-मूलवासियों के लिए टुसू पर्व एक उत्सव ही नहीं बल्कि सामूहिक अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है. टुसू पर्व मिलकर रहने का संदेश देता है. मेला में टुसू प्रतिमा लेकर विभिन्न गांवों से लोग पहुंचे थे. इस दौरान मेला कमेटी ने टुसू प्रतियोगिता आयोजित की. मेले में 33 टुसू प्रतिमाएं पहुंची थी. इनमें प्रथम पुरस्कार न्यू ब्वायज क्लब कालीमाटी के शिव गोप को 11 हजार, द्वितीय कांकड़डीशोल के रोहित महतो को आठ हजार, तृतीय लोवागोड़ा के दिलीप सोरेन को 6 हजार, चतुर्थ धोरासाई के समीर धीवर को पांच हजार, पांचवां खाड़ियाडीह के सागर कुमार को तीन हजार, छठा केशरपुर के राजा कुमार को दो हजार, सातवां कालाझोर के सीरन महतो को 15 सौ और आठवां पुरस्कार गोलकाटा- काशीडीह से लायी गयी टुसू को एक हजार देकर पुरस्कृत किया गया. इसके अलावा 12 टुसू प्रतिमा को भी सांत्वना पुरस्कार दिया गया. बूढ़ी गाड़ी नाच करने वाले को भी पुरस्कृत किया गया. पुरस्कार वितरण मेला कमेटी के सदस्यों द्वारा किया गया. वहीं, मेला में मुर्गा पाड़ा भी लगा था. मेले में लोग टुसू गीत पर नाचते-गाते और थिरकते नजर आये. मेले में तरह-तरह की दुकानें सजी थी. बच्चे, महिला और पुरुष सभी मेले में मौज-मस्ती करते नजर आये. मौके पर कमेटी के अध्यक्ष उपेन सिंह, उपाध्यक्ष लक्ष्मी चरण मुर्मू, संरक्षक हरि कैवर्त, दसमत हेंब्रम, बिरेन सिंह, देवव्रत, राधे मुर्मू, झामुमो नेता जगदीश भकत, कालीपद गोराई, वकील हेंब्रम, बबलू हुसैन, सिप्पू शर्मा, रंजीत कोईरी, काजल डॉन, विमल मार्डी आदि उपस्थित थे.

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