गुस्से में गजराज, उजड़ रहे वन, रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं

उजड़ते वन क्षेत्र से परेशान होकर गजराज रिहायशी इलाके में पहुंच जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | February 16, 2025 8:22 PM
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10 माह में 40 लाख का नुकसान, तीन मरे वन विभाग ने बांटा 17 लाख मुआवजा प्रभात विशेष फाइल फोटो टाटी – कैरो मुख्य पथ पर विचरण करता हाथी फाइल फोटो हाथियों के द्धारा तोड़ा गया मकान फाइल फोटो क्षतिग्रस्त फसल अमित, कुड़ू उजड़ते वन क्षेत्र से परेशान होकर गजराज रिहायशी इलाके में पहुंच जा रहे हैं. उजड़ते वन क्षेत्र के कारण गजराज काफी गुस्से तथा आक्रामक होते जा रहे हैं. नतीजा पिछले 10 माह से गजराज कुड़ू के तीन पंचायतों में डेरा जमाये हुए हैं. कुड़ू प्रखंड के बाद कैरो होते हुए भंडरा तथा भंडरा के बाद वापस कैरो होते हुए कुड़ू के चंदलासो, जिंगी तथा चंदवा प्रखंड के बरवाटोली जंगल में विचरण कर रहे हैं. वन विभाग हाथियों के झुंड को सुरक्षित कॉरिडोर मे पहुंचाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है. इसका मुख्य कारण हाथियों के झुंड में एक बच्चा हाथी का होना बताया जा रहा है. बच्चा हाथी के कारण हाथियों का झुंड तीन प्रखंड में पिछले दस माह से विचरण कर रहा है. इन दस माह के भीतर हाथियों के झुंड ने केवल कुड़ू प्रखंड में लगभग 40 लाख रुपये के फसल तथा मकानों को नुकसान पहुंचा चुका है जबकि हाथियों को भगाने तथा हाथियों के चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही आधा दर्जन लोग घायल हो चुके हैं. वन विभाग ने हाथियों से प्रभावित दो मृतकों के साथ-साथ फसल तथा मकान नुकसान की भरपाई के रूप में दो चरणों में लगभग 17 लाख रुपये का मुआवजा बंट चुका है, जबकि एक मृतक के परिजनों तथा तीसरे राउंड में हुए नुकसान का मुआवजा आवंटन के अभाव में नहीं बांट पाया है. 13 हाथियों का झुंड पिछले एक सप्ताह से कुड़ू के जिंगी पंचायत के जोंजरो नामनगर पतरा के बाद कैरो तथा भंडरा क्षेत्र में डेरा जमाये हुए हैं. बताया जाता है कि कुड़ू प्रखंड में हाथियों का आगमन मार्च 2024 में हुआ. मार्च माह में कुड़ू प्रखंड आने के बाद हाथियों का झुंड लगातार आक्रामक होते हुए खेतों में लगी फसलों को जहां नुकसान करने लगा साथ ही मकान, सोलर पैनल से लेकर फलदार पेड़ को ध्वस्त करने लगा. हाथियों के झुंड तीन मार्च को बरवाटोली जंगल से निकलकर कुड़ू प्रखंड के चंदलासो गांव पहुंचा, जहां आधा दर्जन किसानों के फसल को नष्ट कर दिया था. हाथियों के झुंड ने लगभग 30 हजार के फसल का नुकसान किया था. इसके बाद हाथियों को ग्रामीणों ने खदेड़ कर बरवाटोली के जंगल में भेज दिया था, जहां पांच मार्च को बरवाटोली जंगल मे हाथियों के झुंड ने एक अधेड़ ग्रामीण कुड़ू थाना के जिंगी गांव निवासी बिनोद टाना भगत को साइकिल सहित पटक कर घायल कर दिया था. अधेड़ किसी तरह भाग कर जान बचाया था. इसके बाद हाथियों के झुंड को खदेड़ दिया गया था. अचानक हाथियों का झुंड 22 अप्रैल को कुड़ू के चंदलासो गांव पहुंचा तथा सिंचाई करने चंदलासो डैम जा रहें किसान महावीर उरांव को कुचल कर मार डाला. झुंड से बिछड़ कर एक हाथी 24 मई को हाथी वापस कुड़ू प्रखंड में पहुंचा तथा चंदलासो,चिताकोनी, कौवाखाप में जमकर तांडव मचाते हुए आधा दर्जन मकानों को ध्वस्त कर दिया, जबकि खेतों में लगी फसल को रौंद दिया था. हाथियों को सुरक्षित भेजने का प्रयास जारी : प्रभारी वनपाल कुड़ू वन क्षेत्र के प्रभारी वनपाल विपिन टोप्पो ने बताया कि दस माह से हाथियों का झुंड कुड़ू,कैरो तथा भंडरा प्रखंड में विचरण कर रहा है. वन विभाग ने दो चरणों में हाथियों से हुए नुकसान के लिए लगभग 17 लाख रुपए का मुआवजा बांट चुका है, जबकि काफी आवेदन पर जांच चल रहीं हैं. एक मृतक के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. मुआवजा से संबंधित फाइल वन प्रमंडल पदाधिकारी को भेजा गया है. हाथियों को सुरक्षित कारिडोर में भेजने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है. लेकिन हाथियों के झुंड में एक बच्चा होने के कारण हाथियों का झुंड आगे नहीं जा पा रहा है.

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