शहर के सोनपुरवा स्थित बीएनटी संत मैरी स्कूल में शनिवार को मदर्स डे मनाया गया. इस अवसर पर विद्यार्थियों के भावनात्मक, मानसिक एवं नैतिक विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. इसमें विद्यालय के कक्षा एलजी से कक्षा दूसरी तक के बच्चों ने अपनी-अपनी माता के पारंपरिक परिधान में सज-धज कर रोल प्ले किया और अपने मां से सीखी हुई पांच अच्छी सीख को शिक्षिकाओं के समक्ष प्रस्तुत किया. साथ ही बालक-बालिकाओं ने मां के गीतों पर नृत्य कर सबको प्रभावित किया. कक्षा तीन से पांच तक के विद्यार्थियों ने थैंक्स नोट टू मदर (मां के प्रति अभार प्रकटीकरण) एक्टिविटी में उत्साह से भाग लिया. थैंक्स नोट में निर्धारित 45 मिनट के समय में ग्रीटिंग कार्ड बनाते हुए बच्चों को 40 से से 60 शब्दों में अपना मां को थैंक्स नोट लिखना था. इसी तरह से कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए इंग्लिश स्पीच कंपिटिशन के शीर्षक के रूप में व्हाट माई मदर मीन टू मी (मेरे लिए मेरी मां का मतलब) अथवा माइ मदर इज माई हीरो (मेरी मां मेरी हीरो) रखा गया था. इन विषयों पर छात्र-छात्राओं ने अपने भाषण में अपनी मां के प्रति संवेदना तथा प्रेम को व्यक्त किया.
मां होती ही बच्चों की पहली गुरु : विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित कुमार तिवारी ने कहा कि माता किसी भी बच्चों की प्रथम गुरु होती है. मातृत्व प्रेम पर आयोजित गतिविधियां सिर्फ भावना ही नहीं है, अपितु यह कार्यक्रम हमारे संस्कृति के अनुरूप भी है. मातृत्व दिवस को मनाने की शुरुआत औपचारिक रूप से 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी. उस समय अमेरिकी संसद में कानून पास करके हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया था. कार्यक्रम का संचालन सीसीए इंचार्ज रूपम दुबे तथा उप प्रधानाचार्य संजीव रंजन तिवारी ने किया.
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