भगवान राम-कृष्ण के जन्मोत्सव में झूमे भक्त, जमकर उड़े गुलाल

भगवान राम-कृष्ण के जन्मोत्सव में झूमे भक्त

By SANJAY | April 3, 2025 9:21 PM
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गढ़वा. श्री रामलला मंदिर परिसर बुधवार को गुलजार था. श्री रामनवमी महोत्सव के तहत आयोजित श्री रामचरित मानस पाठ और अमृत उद्बोधन के छठे दिन भगवान राम और भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. श्री रामलला मंदिर समिति के सचिव धनंजय सिंह ने बताया कि मंदिर और मंदिर परिसर को विशेष तौर पर सजाया गया था. राम और कृष्ण दोनों बाल रूप में आने वाले थे. उनके लिए 200 से अधिक खिलौने मंगाये गये थे. रंग बिरंगी लाइट और बैलून से स्थल को सजाया गया था. प्रसाद के रूप में खीर की व्यवस्था वरिष्ठ सदस्य विश्वनाथ सिंह की ओर से की गई थी. भगवान का जन्म होते ही भक्तजनों की खुशियां आसमान छूने लगी. देखते ही देखते पूरा मंदिर परिसर खुशियों से सराबोर हो गया. अबीर-गुलाल की वर्षा शुरू हो गयी. भक्ति गीतों पर भक्तों ने जी खोलकर नृत्य किया. भगवान के दर्शन के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ा था. सुंदर, मोहक, आकर्षक और प्रेरणादायी भगवान के दर्शन होते ही कई लोगों की आंखें भर आयी. लला को अपने समीप पाकर भक्तगण अनंत खुशियों में डूब गये. अंत में भगवान के लिए खीर प्रसाद का भोग लगाया गया. प्रसाद वितरण के साथ जन्मोत्सव का समापन हुआ. मर्यादा ने ही राम को भगवान का रूप प्रदान किया. इस मौके पर वृंदावन से आये आचार्य संजय कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान राम यानि राघवेंद्र सरकार मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, तो भगवान कृष्ण लीला पुरुषोत्तम. राम ने जो किया वह हम कर सकते हैं. क्योंकि उन्होंने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं. उन्होंने भू धरा पर वही किया, जो एक मनुष्य को अपने मर्यादा में रहकर करना चाहिए. उनकी मर्यादा ने ही उन्हें भगवान का रूप प्रदान कर दिया. कई रूप दिखा कर कृष्ण ने समझाया कि वह भगवान हैं : दूसरी तरफ भगवान कृष्ण ने एक ही बार में अपनी 16,108 रानियों के साथ रास रचाया था. जो आप नहीं कर सकते हैं. घर में पत्नी के बजाय किसी और के साथ मजाक मात्र से महाभारत छिड़ जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने अपने कई रूपों का दर्शन देकर समझाया कि वह भगवान हैं. सारी सृष्टि उन्हीं में समाहित है. यह कार्य भी हम नहीं कर सकते. इसलिए राम के आदर्शों को ही अपने जीवन में उतारें. क्योंकि राम और कृष्ण अलग नहीं हैं. अलग-अलग काल परिस्थिति के अनुसार भगवान का अवतार होता रहता है. इस बात को कभी मन में न बैठायें कि केवल राम की पूजा करेंगे, तो भगवान कृष्ण या अन्य देवता नाराज हो जायेंगे. चाहे आप जिस अवतार को पूजें भगवान अपनी कृपा देने में कोई भेदभाव नहीं करेंगे. बुजुर्ग भक्त भी झूम उठे : मौके पर संगीतकार धनजी शर्मा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की ऐसी समा बांधी कि 70-80 वर्ष के बुजुर्ग महिला-पुरुष भक्त भी अपने आप को झूमने से नहीं रोक सके. इस जन्म महोत्सव में श्री रामलला मंदिर समिति के सुदर्शन सिंह, किशोर सिंह, धनंजय ठाकुर, दिलीप कमलापुरी, आशीष अग्रवाल, महेंद्र प्रसाद, जितेंद्र कमलापुरी, अनिल शर्मा, अनिल प्रसाद, विश्वनाथ सिंह, श्यामा पांडेय, सत्यनारायण दुबे व बैजनाथ त्रिपाठी सहित काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे.

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