जितेंद्र सिंह, गढ़वा
हर साल 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन आम के प्रति जागरूकता फैलाने, इसके पोषण व आर्थिक लाभ बताने और इसकी लोकप्रियता को और बढ़ाने का एक अवसर होता है. मौके पर अगर झारखंड के गढ़वा जिले की बात करें तो यहां आम की खेती अब एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक बन गयी है. कभी पिछड़ेपन और पलायन के लिए चर्चित गढ़वा अब मेहनती और नवाचारशील किसानों की पहचान बन चुका है. यहां बागवानी एक नयी रोशनी की तरह उभर रही है, और आम की खेती इसमें अग्रणी भूमिका निभा रही है.
हर साल बढ़ रहा है रकबा
बंजर भूमि पर लगाये 108 किस्मों के आम
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