भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के तानाशाही रवैया ने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है. जिस तरह से 23 मई को समाहरणालय के सभागार में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की समीक्षात्मक बैठक में जिला के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर अपनी खराब मानसिकता का परिचय दिया है. यह लोकतंत्र में कहीं भी जायज नहीं है. उक्त बातें झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज ठाकुर ने एक बयान जारी कर कहा है. उन्होंने कहा है कि उक्त बैठक में सांसद एवं गढ़वा जिला के सभी विधायक के साथ-साथ जिला परिषद अध्यक्ष सहित सभी प्रखंड प्रमुख के उपस्थिति में विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने बदले की भावना से जानबूझकर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया. विधायक ने गढ़वा विधानसभा में जनहित का कोई कार्य नहीं किया तथा कार्य नहीं करने के कारण जनता से छुप-छुपा के चल रहे हैं. इधर जिला के पदाधिकारियों ने 24 मई को बैठक कर गढ़वा विधायक द्वारा आयोजित किसी भी बैठक का बहिष्कार करने का प्रस्ताव लाया है. विधायक अब गढ़वा विधानसभा के 4.15 लाख मतदाताओं को यह कहते फिरेंगे कि कोई पदाधिकारी हमारा नहीं सुन रहा है. ऐसे में जनता की समस्याओं से अपने को अलग रखेंगे.
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