प्रतिनिधि, श्रीबंशीधरनगर शहर में मॉनसून की पहली ही हल्की बारिश ने रेलवे के बहुप्रतीक्षित अंडरपास परियोजना की खामियों को उजागर कर दिया है. शुक्रवार को सुबह से हो रही मामूली बारिश के बाद भवनाथपुर रोड स्थित अंडरपास में घुटनों से ऊपर तक पानी भर गया, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया. तालाब में तब्दील हुआ अंडरपास, दुर्घटना की आशंका रेलवे अंडरपास अब राहगीरों, दुपहिया वाहन चालकों, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक जोखिम भरा मार्ग बन गया है. पानी से भरा अंडरपास एक छोटे तालाब की तरह दिखने लगा है. खास बात यह है कि यह स्थिति केवल सीमित बारिश के बाद उत्पन्न हुई है. यदि बारिश तेज होती है, तो जनसुरक्षा की गंभीर चुनौती उत्पन्न हो सकती है. पहले भी उठी थी आपत्ति, फिर भी बंद की गयी रेलवे क्रॉसिंग रेलवे द्वारा अंडरपास निर्माण के बाद भवनाथपुर रोड की रेलवे क्रॉसिंग को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. स्थानीय जनता ने झामुमो नेता मुक्तेश्वर पांडेय के नेतृत्व में इसका विरोध किया था, और तकनीकी त्रुटियों के चलते भविष्य में जलजमाव की आशंका जतायी थी. तब जनता की मांग थी कि जब तक अंडरपास पूरी तरह सुरक्षित और व्यावहारिक न हो, रेलवे क्रॉसिंग को बंद न किया जाये. जनता ने प्रशासन और रेलवे को ठहराया जिम्मेदार शुक्रवार को जब अंडरपास जलमग्न हो गया, तो स्थानीय प्रशासन और रेलवे का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा. न तो जल निकासी की कोई व्यवस्था की गयी और न ही चेतावनी बोर्ड लगाये गये. इस उदासीनता के खिलाफ लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराया, और मांग की कि यदि भविष्य में कोई दुर्घटना होती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाये. रेलवे क्रॉसिंग फिर से खोलने की उठी मांग लोगों का स्पष्ट कहना है कि जब तक अंडरपास में जल निकासी की ठोस और स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती, पुरानी रेलवे क्रॉसिंग को फिर से चालू किया जाये. अन्यथा, वे पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इस मुद्दे पर पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव भी धरना स्थल पर पहुंचे थे और डीआरएम से वार्ता कर समाधान निकालने की कोशिश की थी, लेकिन रेलवे द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी.
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