गढ़वा का रामा साहू स्टेडियम: जो कभी जिले की शान था, अब उपेक्षा और बदहाली का नमूना बन गया है. निर्माण के बाद यह स्टेडियम जिला स्तरीय क्रिकेट, फुटबॉल, एथलेटिक्स, कुश्ती, कबड्डी जैसी खेल प्रतियोगिताओं का केंद्र बना. यही नहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों और जिला प्रशासन द्वारा आयोजित अन्य बड़े आयोजनों के लिए भी यही मैदान प्रमुख स्थल था. उस समय जिले में यह एकमात्र पूर्ण सुविधायुक्त स्टेडियम था.
खंडहर में तब्दील हो रहा है स्टेडियम : वर्तमान में स्टेडियम की स्थिति बेहद चिंताजनक है. दो मंजिला भवन के लगभग सभी दरवाजे-खिड़कियां उखाड़ लिये गये हैं. बिजली के पंखे, फिटिंग्स, पानी के पाइप तक चोरी हो चुके हैं. कमरे उजाड़ पड़े हैं और मैदान में घास-पात और गंदगी का अंबार है. यहां आवारा पशुओं का भी बसेरा रहता है.
खिलाड़ी अब भी यहीं करते हैं अभ्यास : इस स्टेडियम मेें डे-बोर्डिंग सेंटर का संचालन होता है. जहां सुबह-शाम युवा एथलीट, क्रिकेट खिलाड़ी और अन्य खेलों के प्रतिभागी पसीना बहाते हैं. लेकिन उनके लिए वहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. यद्यपि शहर के दूर स्थित यह स्टेडियम अब नियमित खिलाड़ियों की पहुंच से बाहर हो गया है. सुविधा के अभाव में स्थानीय खिलाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
खेल प्रेमियों की उम्मीदें अब भी बाकी : गढ़वा के खेल प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो यह स्टेडियम फिर से गुलजार हो सकता है. सरकार और जिला प्रशासन को चाहिए कि इस स्टेडियम को पुनर्जीवित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाकर अमल में लायें. आज केंद्र और राज्य सरकारें खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी योजनाएं चला रही हैं. ऐसे में यह समय की मांग है कि इसे पुनर्जीवित कर आने वाली पीढ़ियों को एक मजबूत खेल मंच प्रदान किया जाये.
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