Shravani Mela 2025: झारखंड के शिवढोंढा मंदिर का है विशेष महत्व, कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु

Shravani Mela 2025: झारखंड के अलग-अलग जिलों में भगवान शंकर अलग-अलग रूपों में विराजमान हैं. देवघर में बाबा बैद्यनाथ की महिमा अपरम्पार है, तो गढ़वा जिले में भगवान भोलेनाथ शिवढोंढा मंदिर में विराजमान हैं. कहते हैं कि यहां सच्चे मन से मांगी जाने वाली हर मन्नत पूरी होती है. सावन और शिवरात्रि के दौरान कई राज्यों से श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक करने आते हैं. आप भी जानें इसका महत्व.

By Mithilesh Jha | July 28, 2025 1:12 PM
an image

Shravani Mela 2025| गढवा, राजकमल तिवारी : गढ़वा शहर में श्रद्धा और आस्था का एक केंद्र है. प्राचीन शिवढोंढा मंदिर. पवित्र माह सावन में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. वैसै इसकी स्थापना कब हुई, इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन लोगों की मानें, तो इस मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. पहले यहां चबूतरे पर शिवलिंग की स्थापना की गयी थी, जो अब मंदिर का स्वरूप ले चुका है. मंदिर के बगल से ढोंढा नदी बहती थी, इसलिए इस स्थान को शिवढोंढा के रूप में प्रसिद्धि मिली.

शहर के सोनपुरवा में है शिवढोंढा मंदिर

प्राचीन शिवढोंढा मंदिर गढ़वा शहर के सोनपुरवा में है. शहर के अलावा ग्रामीण इलाके से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से इस दरबार में मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूर्ण होती है. सावन माह में यहां भगवान शिव का जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहता है.

शिवरात्रि पर हर वर्ष लगता है भव्य मेला

सोमवार को यहां विशेष भीड़ होती है. मंदिर समिति द्वारा सावन के प्रत्येक सोमवार को भंडारा का भी आयोजन किया जाता है. शिवरात्रि के मौके पर प्रत्येक वर्ष भव्य मेला लगता है. 21 जुलाई को पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी यहां पहुंचे थे. उन्होंने इस धार्मिक स्थल के विकास में अपेक्षित सहयोग का भरोसा दिया है.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

वर्ष 2018 में हुआ था मंदिर का जीर्णोद्धार

प्राचीन शिवढोंढा मंदिर का वर्ष 2018 में स्थानीय लोगों ने कमेटी बनाकर जन सहयोग से जीर्णोद्धार किया था. इस कमेटी में रामाश्रय पांडेय, दिलीप कुमार, नंदू गौड़, मनोज केसरी, बलवंत पांडे ने सक्रिय भूमिका निभायी थी. श्रावण मास में शंकर माली, अनिल चंद्रवंशी, संतोष प्रसाद, नंदू गौड़, दीनानाथ कुमार व अन्य ने मंदिर की साज-सज्जा करवायी है, जिससे मंदिर का स्वरूप भव्य दिखता है.

निकाली जाती है कांवर यात्रा

शिवढोंढा में जलाभिषेक के लिए कांवर यात्रा भी निकलती है. इसके लिए मंदिर से सटे तालाब से जल लेकर भक्त कांवरियां के वेश में इस मंदिर के साथ लहसुनिया पहाड़ स्थित घटवार बाबा के मंदिर में भी जल चढ़ाते हैं.

मंदिर के पास है तालाब, साल भर रहता है इसमें पानी

सोनपुरवा निवासी गौतम कुमार ने बताया कि पूर्वज बताते हैं कि मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. यहां पर एक छोटा तालाब भी है, जिसमें साल भर पानी रहता है. इस स्थान पर दर्शन के लिए दूसरे राज्य से भी श्रद्धालु आते हैं. इसके बगल में तालाब होने से इसके मंदिर की सुंदरता और बढ़ जाती है. मंदिर परिसर में भगवान हनुमान का भी मंदिर है. मंदिर परिसर में एक विशाल वट वृक्ष है, जो सैकड़ों साल पुराना है.

इसे भी पढ़ें

JJMP के 3 हार्डकोर उग्रवादियों को गुमला पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया

झारखंड में बारिश से सरायकेला-खरसावां की 5 नदियां उफान पर, संजय नदी का पुल डूबा, देखें PHOTOS

संबंधित खबर और खबरें

यहां गढ़वा न्यूज़ (Garhwa News) , गढ़वा हिंदी समाचार (Garhwa News in Hindi), ताज़ा गढ़वा समाचार (Latest Garhwa Samachar), गढ़वा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Garhwa Politics News), गढ़वा एजुकेशन न्यूज़ (Garhwa Education News), गढ़वा मौसम न्यूज़ (Garhwa Weather News) और गढ़वा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version