सदर एसडीएम संजय कुमार की ओर से चलाये जा रहे नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम कॉफी विद एसडीएम में अनुमंडल क्षेत्र के ऐसे सैनिकों के परिजनों को आमंत्रित किया गया था, जो वर्तमान में देश की रक्षा सेवा में बॉर्डर पर या दुर्गम क्षेत्रों में तैनात हैं. इस कार्यक्रम में अनुमंडल क्षेत्र के कुछ ऐसे भूतपूर्व सैनिक भी मौजूद रहे, जिन्होंने 1971 के युद्ध या करगिल के युद्ध में भाग लिया था. इस कॉफी संवाद कार्यक्रम के दौरान सहभागियों ने न केवल अपनी निजी समस्याएं रखीं बल्कि गढवा शहर और जिला की बेहतरी के लिए कई सुझाव भी दिये.
दुबे मरहटिया निवासी श्रीकांत तिवारी वर्तमान में हिसार में हवलदार पद पर सेना में कार्यरत हैं, कार्यक्रम में उनके पिता सूबेदार रामकृष्ण तिवारी ने सहभागिता निभायी. इसी प्रकार पंजाब में भारतीय सेना की 76वीं बटालियन अंतर्गत सीमा पर कार्यरत अनिरुद्ध तिवारी के भाई वशिष्ठ तिवारी में कार्यक्रम में भाग लिया, वे नाहर चौक गढ़वा में निवास करते हैं. कार्यक्रम में पहुंचे सीमा सुरक्षा बल के रिटायर्ड उप निरीक्षक श्यामा चौबे के भतीजे विकास चौबे अंबाला में एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे है, वही पतरिया निवासी रमेश तिवारी के पुत्र संदीप तिवारी असम में एसएसबी में कार्यरत हैं. हूर गांव के निवासी रघुनाथ तिवारी के पुत्र अंकित तिवारी झांसी उत्तर प्रदेश में सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं फरठिया के युधिष्ठिर चौबे के पुत्र पंकज चौबे पंजाब में भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. करकोमा के अतुल तिवारी चंडीगढ़ में एयरफोर्स में तैनात हैं. उनके पिता कमलेश तिवारी ने संवाद में भाग लिया. अचला निवासी मनोज धर दुबे के पुत्र नीलेश धर दुबे पुणे में कार्यरत हैं, वहीं पंकज दुबे जो कि मध्य प्रदेश में आर्मी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनके पिता हरेकृष्ण दुबे ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाई. उपरोक्त सैनिकों के परिजनों ने एसडीएम संजय कुमार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है जो प्रशासन ने सैनिकों के परिजनों को इतना महत्व दिया.
भूतपूर्व सैनिकों की भी रही सहभागिताइस कॉफी संवाद में वर्तमान में तैनात सैनिकों के परिजनों के अलावा कई भूतपूर्व सैनिक भी मौजूद रहे. इनमें से डुमरिया निवासी अजय कुमार तिवारी, अचला नवाडीह निवासी कैप्टन अशोक तिवारी, बोगांसी निवासी सूबेदार रामजी तिवारी, झूरा निवासी सूबेदार जुगल किशोर तिवारी, जाटा के निवासी सुदामा प्रजापति, देवगाना निवासी अभिमन्यु चौबे व गाड़ा कसना कांडी निवासी गोपाल दुबे ने भी कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने न केवल अपनी व्यक्तिगत समस्याएं बतायी बल्कि सैनिक कल्याण की दिशा में भी एसडीएम को कई सुझाव भी दिये.
दो शहीद सैनिकों के परिजन भी रहे मौजूदएसडीएम के इस अनौपचारिक संवाद कार्यक्रम में अटौला के शहीद आशीष तिवारी के पिता अरविंद तिवारी एवं खोरीडीह के शहीद रामप्रीत ठाकुर की पत्नी संकलिया देवी एवं पुत्र बृजमोहन ठाकुर भी कार्यक्रम में मौजूद थे. संकलिया देवी ने बताया कि उनके पति की शहादत के बाद भी उन्होंने अपने दोनों बेटों को सेना में भेजा.
सिविल डिफेंस को सक्रिय किया जाये : ज्यादातर पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों ने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों और जिलों की तरह गढ़वा में भी सिविल डिफेंस को सक्रिय किये जाने की जरूरत है, ताकि राष्ट्रीय महत्व के मामलों में नागरिक सुरक्षा से जुड़े लोग अपना स्वैच्छिक योगदान दे सकें.
एसडीएम ने सभी के पैर छूकर किया अभिवादनअनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि रक्षा करने वाले का स्थान भगवान की तरह होता है. चूंकि सैनिक अपनी परवाह न करते हुए देश की रक्षार्थ काम करते हैं, इसलिए उन्होंने सैनिकों के पिता एवं पूर्व सैनिकों के परिजनों के पैर छूकर सभी का अभिवादन किया.
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