वशिष्ठ मुनि ने जैसे ही बच्चे को देखा, उनके मुख से निकला राम

वशिष्ठ मुनि ने जैसे ही बच्चे को देखा, उनके मुख से निकला राम

By SANJAY | April 3, 2025 9:13 PM
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गढ़वा. स्थानीय नरगिर आश्रम गढ़वा मे चल रहे रामकथा अमृतवर्षा के चौथे दिन कथावाचक बाल स्वामी प्रपन्नाचार्य ने रामजी और उनके भाईयों के नामकरण और बाल लीलाओं का मनोवैज्ञानिक ढंग से चित्रण प्रस्तुत किया. महाराजा दशरथ के घर चार पुत्रों का जन्म हुआ. उन्होंने वशिष्ठ मुनि को पुत्रों के नामकरण संस्कार के लिए आमंत्रित किया. जैसे ही वशिष्ठ मुनि ने पहले बच्चे को देखा, तो उनके मुख से निकला ‘राम’. कहते हैं कि ऐसा लगा जैसे वशिष्ठ मुनि ने नाम नहीं चुना बल्कि स्वयं नाम उनकी जिह्वा पर प्रकट हो गया हो. राम शब्द का अर्थ है सर्वोत्तम आनंद और यह नाम लेते ही वशिष्ठ मुनि बहुत खुश हुए. भगवान राम जब तक इस पृथ्वी पर प्रकट रहे, वे सबको परम आनंद देते रहे. भरत का अर्थ विश्व का भरण-पोषण करनेवाला तथा लक्ष्मण शब्द का अर्थ है, जिसके पास लक्ष्मी अथवा धन हो. हम संपूर्ण रामायण में देखते हैं कि लक्ष्मण सदैव रामजी के निकट रहकर उनकी सेवा करते हैं. उनके पास सेवा रूपी धन है. शत्रुघ्न का अर्थ है अपने शत्रु का हनन करने वाला. भगवान को धन से ज्ञान से और बल से नहीं जीता जा सकता. वह सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान सर्वव्यापी हैं. उन्हें केवल प्रेम भाव से ही जीता जा सकता है. भगवान तो केवल भाव के भूखे हैं. एक समय कौशल्या माता ने राम को स्नान कराया इसके बाद स्वयं स्नान करके अपने इष्टदेव भगवान की पूजा-अर्चना की. इसके बाद अपने कुलदेवता को छप्पन भोग लगाया और फिर कौशल्या माता रसोई में चली गयी. वहां खाना बना कर हुआ रखा था. बालक राम ने माता को अपना विराट रूप दिखाया : रसोई में माता देखती हैं कि उनका पुत्र श्रीराम बैठकर भोजन कर रहे हैं. यह देख कौशल्या माता भयभीत हो गयी और वह तुरंत अपने पुत्र श्री राम को पालने में देखने गयी. वहां उन्होंने देखा कि रामजी तो पालने में ही थे. अब यह देखने के पश्चात कौशल्या माता सोच में पड़ गयी कि मेरा पुत्र दोनों जगहों पर एक ही समय कैसे हो सकता है. तब बालक राम ने माता को अपना विराट रूप दिखाया. माता कौशल्या ने देखा कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड लगे हुए हैं. अनगिनत चंद्रमा शिव ब्रह्मा पर्वत नदियां समुंद्र भवन उनमें समाहित है. उपस्थित लोग : इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष चंदन जायसवाल, जगजीवन बघेल, दीनानाथ बघेल, जयशंकर बघेल, गुड्डू हरि, विकास ठाकुर, भरत केशरी ,दिलीप पाठक, गौतम शर्मा, धर्मनाथ झा, अजय राम, गौतम चंद्रवंशी, सोनू बघेल, पवन बघेल, आशीष बघेल, सुमित लाल, अजय सिंह, राकेश चंद्रा, सूरज सिंह, शांतनु केशरी, शुभम् चंद्रवंशी, सोनू, सुंदरम व शिवा उपस्थित थे.

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