कुल 35 घर और इन घरों में रहने वाले करीब 150 लोगों की जिंदगी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में नारकीय बन चुकी है. रमकंडा प्रखंड की सीमा पर स्थित बैदेशी गांव में अब भी सड़क व पानी जैसी जरूरी सुविधा नहीं है. यहां तक की स्वास्थ्य और रोजगार जैसी जरूरतें भी दूर की बात है. गांव से पंचायत भवन की दूरी पांच किलोमीटर है. पगडंडी रास्ते से यहां आना-जाना पड़ता है. बारिश के मौसम में गांव तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं होता.
मरीजों को डोली-खटोली में टांगकर ले जाते हैं : ग्रामीण बताते हैं कि सड़क नहीं होने से यहां स्वास्थ्य सुविधा भी लोगों को समय पर नहीं मिल पाती है. बरसात के दिनों में नदियों में बाढ़ जैसी स्थिती बनी रहती हैं. ऐसे में यहां के लोग बरसात में बड़ी मुश्किल से आवागमन कर पाते हैं. ग्रामीण बताते हैं की मरीज की अचानक तबियत खराब होने पर तथा गर्भवती महिलाओं को डोली खटोली में टांगकर पांच किमी दूर बलिगाह्द पंचायत भवन तक ले जाना पड़ता हैं. वहां से वाहन के जरिये अस्पताल ले जाना पड़ता है.
विधायक उठा चुके हैं सड़क निर्माण की मांग : ग्रामीणों के अनुसार गढ़वा रंका विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी ने झारखंड विधानसभा में बैदेशी गांव को पंचायत से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया की सड़क निर्माण विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे थे. सड़क की मापी भी की गयी. लेकिन अब तक इसपर कोई पहल नही हुई है.
सुविधाएं उपलब्ध कराने का हो रहा काम : मुखियाइस संबंध में पूछे जाने पर मुखिया बिनोद प्रसाद ने कहा की इस टोले को सड़क निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने का काम चल रहा है. रोजगार को लेकर यहां जल्द ही मनरेगा की योजनाएं संचालित की जायेगी. विभागीय आदेश के आलोक में सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
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