गावां प्रखंड में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण किसान मक्का, अरहर, मूंग समेत अन्य फसलों का बीज बुआई नहीं कर पा रहे हैं. इससे किसानों में मायूसी है. वर्षा के शुरू होते ही किसान बीज बोते हैं. मक्का के साथ ही मूंग अरहर की भी बुआई की जाती है. लगभग तीन माह में मक्का की फसल तैयार होने पर उसे काट कर हटा दिया जाता है, जबकि अरहर के पौधों को तैयार होने के लिए छोड़ दिया जाता है. पूर्व में देखा जाता था कि प्रारंभिक चरण में दो से तीन दिनों के अंतराल में वर्षा होती थी, जिससे बुआई आसानी से हो जाती थी. इस वर्ष आद्रा नक्षत्र के प्रवेश करते ही लगातार बारिश हो रही है. खेत में पानी जमा रहने के कारण जुताई ठीक से नहीं हो पा रही है. खेतों में घास भी उग गये हैं. मक्का की बुआई के लिए खेत का जुताई के लायक होना आवश्यक है. कुछ किसान किसी प्रकार बीज तो लगा दिया, लेकिन वर्षा के कारण उसकी कोड़ाई कर खर पतवार को साफ नहीं कर पा रहे हैं. इससे फसल बर्बाद होता जा रहा है.
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