
इस दौरान जब्त किए गए बेशकीमती सखुआ के बोटों को वन कर्मियों ने ट्रैक्टर में लोड कर तिसरी बिट ऑफिस पहुंचाया. लकड़ी तस्करों को चिह्नित कर कार्रवाई में जुट गये हैं. बता दें कि तिसरी प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव जलगोड़ा, पिपरा, सकसकिया,अंजनवा,कुंडी,चरकी आदि गांवों के जंगलों में लकड़ी तस्कर और माइका माफिया आए दिन धड़ल्लें से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. वन विभाग ने लकड़ी तस्करों के खिलाफ पिछले दिनों से कई बार कार्रवाई की है, इसके बावजूद भी माफिया बाज नहीं आ रहे हैं.
पेड़ों की कटाई करके तस्कर उसके बोटों को बिहार व अन्य स्थानों में ले जाकर बेचते हैं. इसके कारण तिसरी के जंगलों पर खतरा मंडराने लगा है. तिसरी के उतरी छोर पर घना जंगल हुआ करता था. लेकिन लकड़ी तस्कर और माइका माफियाओं के कारनामों के कारण दूर-दूर तक जंगल नजर नहीं आता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है