इस परीक्षा परिणाम पर खुशी व्यक्त करते हुए डीएवी सीसीएल के प्राचार्य ओमप्रकाश गोयल ने कहा कि डीएवी सीसीएल के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण किया है. यह परिणाम डीएवी सीसीएल पब्लिक स्कूल को भी गौरवांवित करने का कार्य किया है. यह परिणाम विद्यालय के बच्चों को प्रोत्साहित करेगा कि वे भी देश के कइिनतम परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर परिवार, विद्यालय, जिला सहित पूरे राज्य का मान बढ़ाएं. पूरा विद्यालय प्रबंधन सफल विद्यार्थियों के आने वाले सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी है. बता दें कि इससे पूर्व भी डीएवी सीसीएल के कई पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने यूपीएससी एवं जेपीएससी में परचम लहरा चुके हैं. इनमें यूपीएससी की परीक्षा में परचम लहराने वाले पूर्ववर्ती छात्र रवि कुमार आज देवघर में एसडीएम के पद पर पदस्थापित हैं. इनके अलावे इसरो में भी यहां की पूर्व विद्यार्थी कार्यरत हैं.
ऑनलाइन पढ़ाई और परिवार के सहयोग से मिली सफलता : निशांत
गिरिडीह. गिरिडीह शहरी क्षेत्र के न्यू बरगंडा निवासी निशांत कुमार सिन्हा ने झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 61वां रैंक प्राप्त कर झारखंड पुलिस सेवा डीएसपी में चयनित होकर जिले का नाम रौशन किया है. उन्होंने यह सफलता पूरी तरह ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से प्राप्त की, वो भी घर से तैयारी करते हुए. निशांत की स्कूली शिक्षा डीएवी सीसीएल पब्लिक स्कूल से हुई. उन्होंने 2013 में बेंगलुरु से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और दो साल नौकरी की, लेकिन मन नहीं लगने के कारण उसे छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने कुछ समय प्रोफेशनल बॉडीबिल्डिंग में बिताया. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में दो बार इंटरव्यू तक भी पहुंचे, लेकिन सफलता नहीं मिली. यह जेपीएससी का दूसरा प्रयास था जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की है. निशांत कहते हैं कि इस सफलता में सबसे बड़ा योगदान माता मीरा सिन्हा, पिता अरूण कुमार सिन्हा, भाई प्रशांत सिन्हा, बहन प्रिया सिन्हा और पत्नी नेहा का है. निशांत के पिता अरुण कुमार सिन्हा मार्केटिंग ऑफिसर थे और 2020 में पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उनके बड़े भाई प्रशांत सिन्हा दिल्ली में एनडीएफसी के रीजनल हेड हैं और छोटी बहन प्रिया सिन्हा के पति वायुसेना में विंग कमांडर के पद पर गोरखपुर में तैनात हैं. निशांत की पहली पसंद शुरू से ही झारखंड पुलिस सेवा रही है. वे कहते हैं अगर लक्ष्य के प्रति समर्पण हो, तो कोई भी परिस्थिति आपको डिगा नहीं सकता.
अनुशासित तरीके से मेहनत कर सफलता हासिल की : रूपाली
गिरिडीह. गिरिडीह शहरी क्षेत्र की अलकापुरी निवासी रूपाली रोशन ने झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 106 वां रैंक हासिल कर गिरिडीह समेत पूरे क्षेत्र का नाम रौशन किया है. खास बात यह है कि रूपाली ने यह सफलता अपने पहले ही प्रयास में पाई है और वह भी घर से ऑनलाइन माध्यम से तैयारी करते हुए. रूपाली ने वर्ष 2014 में सीसीएल डीएवी पब्लिक स्कूल गिरिडीह से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने एनआईटी जमशेदपुर से वर्ष 2021 में बीटेक की डिग्री प्राप्त की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आठ महीने तक एक निजी कंपनी में नौकरी भी की, लेकिन इस दौरान ही उन्हें एहसास हुआ कि उनका असली सपना झारखंड की सेवा करना है. यही सोच उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर लेकर आई. रूपाली ने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह जेपीएससी की तैयारी में झोंक दिया. कोचिंग या बाहर कहीं जाने की बजाय उन्होंने घर से ही ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई की और अनुशासित तरीके से मेहनत कर सफलता हासिल की. उनके पिता दिनेश प्रसाद वर्मा गिरिडीह में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि मां रेणु सिन्हा एक गृहिणी हैं. भाई दिव्यम कुमार अभी पढ़ाई कर रहे हैं और बहन बिहार में बीपीएससी के माध्यम से चयनित सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. रूपाली कहती हैं मेरा सपना शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का था. इस सफलता का पूरा श्रेय मेरे माता-पिता और परिवार को जाता है, जिन्होंने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया और हौसला बढ़ाया.
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