जाम में एम्बुलेंस फंस गयी तो कोई अन्य रास्ता भी नहीं. कई बार इससे बड़ी अनहोनी की आशंका बनी रहती है. गौरतलब है कि यहां हर बुधवार को हटिया लगता है. हटिया की भीड़ की जद में मुख्य तौर पर दो अहम रास्ते आते हैं. इसमें एक गुंडरी मोड़ से बरजो और दूसरा मुख्य चौक से गोरहंद जाने वाली मुख्य सड़क शामिल है.
हजारों की संख्या में आते हैं लोग
इन सड़कों से आसपास के सैकड़ों गांव के किसान, कारोबारी, बाजारी अपने फसलों, जरूरतों को लेकर हटिया में आते हैं और अपने सामानों, फसलों को बेचकर दैनिक जीवन के जरूरी सामानों की खरीदारी कर देर शाम वापस जाते हैं. हटिया में आसपास के दर्जनों गांवों के बड़ी संख्या में लोग प्रत्येक आते हैं. इसके बावजूद कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने से लोगों को फजीहत उठानी पड़ती है.
कई बार उठाया गया मुद्दा, प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा
सांसद प्रतिनिधि जयप्रकाश साहा, अर्जुन प्रभाकर, जयदेव कुशवाहा, अभिमन्यु शर्मा, शाहनवाज हुसैन, डा मिस्टर, राजू पांडेय समेत स्थानीय मुखिया संतोष साहा आदि ने बताया कि शांति समिति के अलावे अन्य प्रशासनिक बैठकों में कई बार इस मुद्दे को उठाया गया. लेकिन अभी तक इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है. कहा कि शीघ्र ही प्रशासन इसे गंभीरता से ले और लोगों को जाम से मुक्ति दिलायें.
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