GIRIDIH NEWS: राजदहधाम स्थित बराकर नदी का दलांगी घाट बना डेंजर जोन

GIRIDIH NEWS: यह स्थल एक पर्यटकस्थल के रूप में भी चर्चित है, जहां सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है. नहाने के क्रम में बराकर नदी में बने गड्ढे में डूबने से कई लोगों की जान जा चुकी है.

By PRADEEP KUMAR | June 4, 2025 1:00 AM
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सरिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पवित्र तीर्थस्थल राजदहधाम उत्तर वाहिनी बराकर नदी के तट पर बसा है. यहां लोग पुण्य स्नान कर पूजा पाठ करने आते हैं. यहां नेचर पार्क है. यह स्थल एक पर्यटकस्थल के रूप में भी चर्चित है, जहां सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है. नहाने के क्रम में बराकर नदी में बने गड्ढे में डूबने से कई लोगों की जान जा चुकी है. इससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. लगभग 60 किलोमीटर लंबी यात्रा कर बहती हुई यह नदी सरिया होकर गुजरती है. साल तथा अकेसिया के घने जंगल के बीच गिरिडीह जिले के सरिया तथा बिरनी प्रखंड को अलग करनेवाली उत्तर वाहिनी बराकर नदी तथा विभिन्न देवी देवताओं का मंदिर होने के कारण राजदहधाम में पर्यटकों की प्रतिदिन भीड़ काफी होती है. बराकर नदी के दोनों ओर से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. बिरनी प्रखंड तथा सरिया प्रखंड को जोड़ने के लिए बीते वर्ष बराकर नदी पर पुल निर्माण की आधारशिला तत्कालीन विधायक विनोद कुमार सिंह द्वारा रखी गई थी, परंतु अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. इस दौरान बिरनी प्रखंड के दलांगी, लेवड़ा, बंगराकला, चौबे, चलकुसा आदि गांव से लोग पूजा करने राजदहधाम पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें पैदल नदी पार कर आना पड़ता है.

अवैध बालू खनन के चलते बन गये हैं बड़े-बड़े गड्ढे

प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी के कारण बालू का कारोबार करनेवाले लोग सैकड़ों ट्रैक्टर बालू प्रतिदिन नदी से निकालते हैं. इस कारण पूर्व की अपेक्षा नदी का स्तर लगभग 5-6 फीट नीचे चला गया है. इस संबंध में तपस्वी मौनी बाबा राजदहधाम समिति के अध्यक्ष सुरेश भारती तथा सचिव राजकुमार वर्मा ने बताया कि बालू माफियाओं द्वारा प्रतिदिन इस जगह से बालू का उठाव किया जा रहा है. इस कारण नदी में बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं. यहां आए दिन लोगों की डूबकर मौतें हो रही हैं. पानी के बहाव के कारण बाहर से गहराई का पाता नहीं चल पाता है. वहीं लोगों ने बताया कि राजदहधाम स्थित दलांगी घाट में वी आकृति का गड्ढा बन चुका है. इसकी गहराई लगभग 30 फीट है. सुरक्षात्मक दृष्टि से उक्त जगह को तपस्वी मौनी बाबा समिति द्वारा रेड जॉन घोषित किया जा चुका है. लोगों की सुरक्षा के लिए उस जगह पूर्व में भी लाल फीते से बेरिकेडिंग की गई थी. बड़े-बड़े चट्टानों में प्लास्टिक पेंट से निर्देश लिखे गए हैं. पानी में डूबकर ना नहाने, उस रेड जोन की ओर न जाने आदि का आग्रह किया गया है. समय-समय पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से लोगों को चेतावनी दी जाती रही है कि वे गहरे पानी में नहीं जाएं, पानी में डूबकर ना नहाए. परंतु कुछ शरारती तत्वों के लोग बैरिकेडिंग किए गए फीते को नोंचकर फेंक देते हैं. इस कारण आए दिन घटनाएं होती रहती हैं.

दो दिन पूर्व ही डूबने से हुई है किशोर की मौत

बताया गया कि दो दिन पूर्व बराकर नदी में वी आकार के बने गड्ढे में एक किशोर की नहाने के क्रम में डूबने से मौत हो गई थी. समिति द्वारा पुनः वहां आकर उस गड्ढे के चारों ओर बैरिकेटिंग की गयी है. समिति के सदस्यों ने लोगों से बार-बार आग्रह किया है कि वे पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं का सहयोग करने में समिति के निर्देशों का पालन करें. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों से लोगों ने मांग की है कि वे राजदहधाम स्थित बराकर नदी से अवैध रूप से हो रहे बालू की चोरी पर पूर्णतः रोक लगायें.

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