
गावां प्रखंड स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महर्षि वेद व्यास की जयंती मनायी गयी. छात्र-छात्राओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया. कार्यक्रम प्रमुख चंचला देवी ने कहा कि महर्षि वेदव्यास जन्म के कुछ समय बाद ही तप व साधना में लीन हो गये थे. लोक कल्याणकारी विपुल साहित्य की रचना करने के कारण ही महर्षि वेदव्यास को भगवान की संज्ञा से विभूषित किया गया. उनके समस्त ग्रंथों का सार श्रीमद्भगवत गीता में है. उनके अठारह पुराणों में दो ही बातें हैंं. परोपकार करने को उन्होंने पुण्य कहा, वहीं दूसरे को सताने को पाप कहा. मौके पर प्रधानाचार्य बीके पांडेय, राजेंद्र विश्वकर्मा, राधेश्याम, कमल किशोर सिंह, श्यामसुंदर सिंह, दिलीप कुमार, कौशल किशोर सोनू, राजेंद्र कुमार, प्रियंका कुमारी, रजनी गुप्ता आदि थे.
कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज गुरुकुल में किया पाठ्य सामग्री का वितरण
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को देवरी प्रखंड के देवपहाड़ी स्थित बाबा जागनाथधाम गुरुकुलम में मठाधीश गौरवानंद महाराज ने गुरुकल में अभिभावकों के साथ बैठक की. बैठक में अभिभावकों को गुरुकुल के नियमों से अवगत करवाया गया. बाबा जागनाथ गुरुकुलम में अध्ययनरत बटुक बालकों को मठाधीश गौरवानंद महाराज ने तुलसी व रुद्राक्ष माला देकर सात्विक रहने का संदेश दिया. कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष शिवनारायण पांडेय ने मठाधीश को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. साथ ही गुरुकुल में अध्ययनरत बटुक बालकों के बीच कॉपी, कलम आदि शिक्षण सामग्री वितरण. मठाधीश ने बटुक बालकों को गुरु का महत्व को बताया और उन्हें जीवनभर सम्मान देने की बात कही. कहा कि इस गुरुकुल को फंड की बहुत आवश्यकता है. सभी के सहयोग की अपील की. जिला प्रशासन ओर सरकार से शिक्षा व्यवस्था की जांच कर गुरुकुल को मदद करने की मांग की, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाई कराने व रहने की उचित व्यवस्था हो सके. भंडारा का आयोजन किया गया, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया.
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