डीएसई ने इस लापरवाही पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि शिक्षकों को पूर्व में गुरुगोष्ठी में इस संबंध में विधिवत प्रशिक्षण दिया जा चुका है, बावजूद इसके शिक्षक लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एसएमएस भेजने के लिए विद्यालयों को अलग से राशि भी मुहैया कराई जाती है. डीएसई श्री राज ने बताया कि मध्याह्न भोजन योजना के सुचारु संचालन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह अनिवार्य है कि प्रत्येक विद्यालय प्रतिदिन छात्रों की उपस्थिति और भोजन वितरण से संबंधित जानकारी एसएमएस के माध्यम से विभाग को भेजे. यह रिपोर्टिंग न केवल योजना की निगरानी में मदद करती है, बल्कि किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है. डीएसई ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों और विभागीय समीक्षा के बाद यह पाया गया कि जिले के 37 विद्यालयों द्वारा नियमित रूप से एमडीएम एसएमएस नहीं भेजा जा रहा है. इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए संबंधित प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये. डीएसई ने कहा कि शिक्षकों को एसएमएस भेजने की प्रक्रिया से पूरी तरह अवगत कराया गया है और इसके लिए उन्हें आवश्यक तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है. इसके बावजूद रिपोर्टिंग में उदासीनता स्वीकार्य नहीं है.
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