Home झारखण्ड गोड्डा पवित्र मनुष्य के हृदय में होता है भगवान का निवास : स्वामी वेदानंद जी महाराज

पवित्र मनुष्य के हृदय में होता है भगवान का निवास : स्वामी वेदानंद जी महाराज

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पवित्र मनुष्य के हृदय में होता है भगवान का निवास : स्वामी वेदानंद जी महाराज

बोआरीजोर प्रखंड के श्रीपुर बाजार गांव में सात दिवसीय ध्यान मंत्र संतमत सत्संग का समापन हो गया. इस दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी वेदानंद जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन बहुत ही भाग्य से मिलते हैं. 84 योनि के बाद मनुष्य जीवन प्राप्त होता है, इसका सदुपयोग अवश्य करें. भगवान की आराधना से ही मनुष्य जीवन साकार हो सकता है. सत्संग स्थल के प्रवचन का आवाज जहां तक जाता है, वह स्थान पवित्र हो जाता है. अगर सत्संग स्थल पर किसी कारणवश नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो प्रवचन की आवाज को अपने स्थान से ध्यान पूर्वक अवश्य सुनकर उसका अनुकरण करें. मनुष्य को अपना हृदय पवित्र रखना चाहिए. दूसरों को मदद करने का स्वभाव बनाना चाहिए. पवित्र ह्रदय वाले मनुष्य के अंदर भगवान का निवास हो जाता है और परोपकार करने वाले मनुष्य को भगवान हमेशा मदद करते हैं. अपने व्यस्त समय से कुछ समय निकालकर भगवान की आराधना करनी चाहिए. इस दौरान महर्षि में ही परमहंस जी महाराज की तस्वीर पर साधुओं एवं श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना किया. मौके पर स्वामी बाला नंद जी महाराज, स्वामी अमृतानंद जी महाराज, प्रदीप मिश्रा, महेंद्र रजक आदि उपस्थित थे.

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