
राज्यभर की तरह गोड्डा जिले में भी 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार की शाम कर्मियों ने अशोक स्तंभ से सिविल सर्जन कार्यालय तक शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला. कर्मियों ने कहा कि हम दिन-रात जनता की सेवा में लगे रहते हैं, फिर भी हमें न तो समय पर वेतन मिलता है, न ही किसी प्रकार की स्थाई नौकरी की गारंटी. उन्होंने कहा कि उन्हें नयी कंपनी द्वारा ज्वाइनिंग लेटर भी नहीं दिया गया है. कर्मियों ने कहा कि हमारी मांगे नहीं मानी गयी तो हम आगे जाकर राजभवन का घेराव करेंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे केवल वेतन वृद्धि की मांग नहीं कर रहे, बल्कि कार्य के दौरान मिलने वाली सुविधाओं, बीमा सुरक्षा और नौकरी के स्थायीत्व की मांग कर रहे हैं. उनका यह भी आरोप है कि जब राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की बात करती है, तब उसमें सबसे अहम भूमिका निभाने वाले 108 एंबुलेंस कर्मियों को पूरी तरह नजरअंदाज़ कर दिया जाता है. कर्मियों ने कहा कि जिले में कुल 22 एंबुलेंस में सिर्फ 10 चलंत स्थिति में है. कंपनी को कई बार बोलने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया जाता है. कर्मियों ने कहा कि कोरोना काल में हमने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचायी. आज हमारी खुद की जिंदगी असुरक्षित है. सरकार से विनती है कि अब और देरी न करे, वरना हम पूरे राज्यस्तर पर आंदोलन तेज़ करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है