Home झारखण्ड गोड्डा जमीन के जो रैयत हैं, खनिज संपदा पर उसी का अधिकार

जमीन के जो रैयत हैं, खनिज संपदा पर उसी का अधिकार

0
जमीन के जो रैयत हैं, खनिज संपदा पर उसी का अधिकार

राजमहल कोल परियोजना के पुनर्वास स्थल बड़ा सिमड़ा के स्टाफ क्लब में ग्राम प्रधान, जोग मांझी, प्रगणिक, चकलादर आदि का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ. प्रशिक्षक बाबूलाल मरांडी ने बताया कि 169वां संथाल परगना स्थापना दिवस के अवसर पर मांझी परगना सरदार वैसी के बैनर तले समाज के ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आदिवासी समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए. प्रशिक्षक बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जमीन का मालिक रैयत होता है, इसलिए खनिज संपदा पर रैयत का अधिकार है. रैयत के अनुमति के बिना खनन कार्य करना असंवैधानिक है.आदिवासी गांव में अपना ग्राम स्वशासन होता है. कानून के अनुसार चुनाव की प्रक्रिया इस गांव में असंवैधानिक है. लोकसभा एवं विधानसभा से ऊपर होता है. प्रशिक्षण के माध्यम से आदिवासी समाज के लोगों को अपने अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में जानकारी दी गयी. प्रत्येक गांव में ग्राम प्रधान के पास रजिस्टर होना आवश्यक है. प्रखंड के पदाधिकारी को भी ग्राम प्रधान की सहमति से ही योजना का चयन करना चाहिए. ग्राम सभा रजिस्टर, जन्म रजिस्टर, मृत्यु रजिस्टर का भी होना आवश्यक है. आदिवासियों के जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगनी चाहिए. मौके पर तिलक मुर्मू,भगवान सोरेन, प्रेम कंचन मरांडी,प्रमोद हेंब्रम आदि उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel
Exit mobile version