गुमला. कोरवा जनजाति के लोगों को सरकारी योजना का लाभ देने में प्रशासन काफी पीछे हैं. कोरवा जनजाति के गांव में न बिजली है, न शौचालय और न पक्का घर है. जबकि बिरसा आवास उन्हीं विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति लोगों के लिए है. दुर्भाग्य की बात है कि गुमला जिला ओडीएफ घोषित है. कागजों में प्रशासन हर गांव में शौचालय बनाने का दावा करता है. परंतु कोरवा जनजाति के गांव प्रशासन के दावों को झुठला रहा है. हम बात कर रहे हैं चैनपुर प्रखंड की बारडीह पंचायत स्थित हल्दी कोना गांव की. गांव में कोरवा जनजाति के लोग रहते हैं. परंतु इस गांव में सरकारी योजना महज कागजों पर चल रहा है.
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